चैन्नई, नार्थ टाऊन तेरापंथ परिवार के तत्वावधान में आयोजित वृहद परिवार प्रशिक्षण कार्यशाला में उपस्थित जन समुदाय को सम्बोधित करते हुए साध्वी श्री मंगलप्रज्ञाजी ने कहा- अपना विश्लेषण करने वाला मनुष्य आनंद पा लेता है। आज काँच की बोतल की तरह रिश्ते टूटते चले जा रहे हैं। जरुरत हे परिवार के सदस्य एक दूसरे को सहन करें। अपनी गलती का दोषारोपन दूसरों पर न करें। रिश्तों में मिठास बनी रहे, इसलिए अपने दायित्वों का सम्यक निर्वहण करें। परिवार आग्रह से नहीं आदर से चला करते हैं। एक दूसरे को सम्मान देना सीखें। विश्वास की डोर को टूटने न दें वर्ष बदलने के साथ जिस प्रकार कैलेण्डर बदलते हैं, वैसे ही अपनी सोच में बदलने का प्रयास करें। सही दिशा में प्रस्थान लक्ष्य तक पहुंचा देता है। सहनशीलता, सामञ्जस्य, पारस्परिक विश्वास और अनाग्रह चेतना से परिवार में सुख, शांति और आनंद का वातावरण संभव है।
साध्वीवृन्द ने “परिवार उसी को कहते हैं” गीत का सामूहिक संगान किया। महिला मंडल ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया। साध्वी डॉ राजुलप्रभाजी ने कहा- विचारों में नयापन जीवन में सरसता पैदा करता है। अतीत पर पर्दा डालते हुए भविष्य को संवारने का पुरुषार्थ करें। साध्वी सिद्धियशा ने कहा कि अपने हर पल को सार्थक बनाने के लिए सौहार्द के सुमन खिलाते रहें। साध्वी डॉ चैतन्यप्रभाजी ने कार्यक्रम का संचालन किया। आभार ज्ञापन तेरापंथ परिवार नार्थ टाऊन के मंत्री श्री पुरवराज पारख ने किया।
स्वरुप चन्द दाँती
प्रचार प्रसार प्रभारी
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, चेन्नई