चेन्नई. कोडमबाक्कम-वड़पलनी जैन भवन में विराजित साध्वी सुमित्रा ने कहा की भगवान महावीर द्वारा दिये गए उपदेश जिनवाणी के माध्यम से मनुष्य सुन लेता है। लेकिन फिर भी आंखे नही खोल पाता है।
बहुत सारे महान लोगो ने जिनवाणी सुने बिना जीवन को बदलने का लक्ष लिया और पूरा किया। बहुत ऐसे मानव हैं जो जीवन में बदलाव तो चाहते है पर उन्हें ऐसा मौका नहीं मिल पाता है। अगर उन्हें ऐसा मौका मिल जाये तो शायद उनका जीवन और खूबसूरत बन जाये।
लेकिन किसी कारण से मौका नहीं मिल पाता। आप सभी को मौका मिला है तो खुद परमात्मा का आभार जताते हुए जीवन को बदल लो। अन्यथा हाथ से छुटा हुवा वस्तु वापस नहीं आता।
उन्होंने कहा कि जिंदगी अनमोल है लेकिन इसका कोई भरोसा नही की कब तक है। सभी को पता है कि एक दिन दुनिया से जाना है लेकिन फिर भी लोग इस सच्चाई को नहीं मानते। जब इस सच्चाई को लोग नहीं मानते तो सांसारिक झूट को कैसे मान कर मोह माया में फन्स जाते हैं।
संसारी मोह माया में मत रहो उसे त्यागो और आगे बढ़ जाओ। ऊपर वाले के स्कूल में परीक्षा हो या न हो पर परिणाम तो सभी का आना है। जैसे लिखोगे वैसा ही परिणाम आएगा। उसमे सुधार यहां रहते हुए ही किया जा सकता है। यहां से जाने के बाद सुधार तो दूर माफी मांगना भी संभव नहीं होगा।