दुर्ग / जय आनंद मधुकर रतन भवन बांधा तालाब दुर्ग में आज पयुर्षण पर्व का दूसरा दिन था। हर्ष और उल्लास के वातावरण में जैन समाज के धर्मावलंबियों ने बड़ी संख्या में आज धर्म सभा में हिस्सा लिया।
संत गौरव मुनि का प्रवचन मां की ममता विषय पर केंद्रित था। मुनि श्री ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए मां के संदर्भ में दिल को झकझोर कर देने वाली बातों से मां के ममतव को परिभाषित किया। उन्होंने कहा जिस धर के अंदर बहू सास को मां माने और सास बहू को बेटी माने उस घर को नंदनवन बनने में देरी नहीं लगेगी।
अगर घर एक मंदिर है तो उस घर की मां उस मंदिर की मूरत है और जहां मां है वहां हर दिल में हर जीवन में प्रकाश है। मां के उपकारो को इस जीवन में नहीं सात जन्म लेकर भी नहीं चुकाया जा सकता।
धर्म सभा को आदित्य मुनि ने भी संबोधित किया एवं छोटे-छोटे भजनों से संत सौरव मुनि ने भी समा बांधा।
आज पयुर्षण पर्व के दूसरे दूसरा सा कालीन प्रातः कालीन प्रतिक्रमण, प्रार्थना संवर, पोषध, धार्मिक सूत्रों का वाचन प्रश्न मंच संध्याकालीन प्रतिक्रमण एवं रात्रि में आचार्य सम्राट जयमल जी महाराज का जाप अनुष्ठान के कार्यक्रम होंगे।
आज दोपहर को मिलाओ एवं बच्चों के लिए धार्मिक प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का आयोजन जय आनंद मधुकर रतन भवन में किया गया।
खुल जा सिम सिम के नाम से धार्मिक प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में संत गौरव मुनि ने ज्ञानवर्धक रोचक धार्मिक प्रश्नों के माध्यम से इसका कार्यक्रम का संयोजन किया। इस आयोजन में बड़ी संख्या में महिलाओं की उपस्थिति रही।
धर्म चक्र बेला में 108 तपस्वीयों ने इस पयुर्षण पर दो उपवास करने का संकल्प लिया है।