नागदा (निप्र)- महासति दिव्यज्योतिजी म.सा. ने धर्मसभा में शुक्रवार पर विश्लेषण करते हुए कहा कि चन्द्र ग्रह एवं सूर्य ग्रह के महत्व के साथ ही शुक्र ग्रह भी बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। शुक्र का तारा इतना चमकदार होता है कि इसे छोटा चन्द्र भी कहा जाता है। जिसके जीवन में शुक्र का प्रभाव होता है वह प्रेमी, मिलनसार, सबको सम्मान देकर हर जगह अपनी प्रभावशीलता बना लेता है। वह हमेशा देने की भावना से कार्य करता है यह कभी भी दुसरो का बुरा नहीं सोचता है। हमेशा भलाई के कार्यो से संलग्न रहता है।
महासति वैभवश्रीजी म.सा. ने कहा कि सुख दुःख तो जीवन के साथी है। इस संसार में कोई सुखी नहीं है कोई निसंतान होकर दुःखी है तो कोई संतान होने के बाद भी दुःखी है। हर मानव दुःख में डुबा है चाहे वह राजा, सेठ, मंत्री ही क्यों न हो। कोई शरीर से दुखी है अपार धन दौलत के बाद भी दुखी है। इच्छाएँ अनंत है यह कभी पूरी नहीं हो सकती हे। धर्म के मार्ग पर चलने वाला सर्वसुखी सम्पन्न है।
मीडिया प्रभारी महेन्द्र कांठेड एवं नितिन बुडावनवाला ने बताया कि जैन दिवाकर संगठन समिति द्वारा पूज्य दिवाकर श्री चौथमलजी म.सा. की जन्म जयंति एवं पूज्य कस्तुरचन्दजी म.सा. की दिक्षा जयंती के शुभ अवसर पर 6 नवम्बर रविवार को धार्मिक आयोजन रखे जायेंगे। संचालन राजेन्द्र कांठेड एवं सतीश जैन सांवेरवाला ने किया एवं आभार श्रीसंघ अध्यक्ष प्रकाशचन्द्र जैन लुणावत ने माना।
दिनांक 04/11/2022
मीडिया प्रभारी
महेन्द्र कांठेड
नितिन बुडावनवाला