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जिसकी जितनी क्षमता उतना सहयोग करे: उपप्रवृत्तिनि संथारा प्रेरिका सत्य साधना ज गुरुणी मैया

जिसकी जितनी क्षमता उतना सहयोग करे: उपप्रवृत्तिनि संथारा प्रेरिका सत्य साधना ज गुरुणी मैया

हमारे भाईन्दर में विराजीत उपप्रवृत्तिनि संथारा प्रेरिका सत्य साधना ज गुरुणी मैया आदि ठाणा 7 साता पूर्वक विराजमान हैl वह रोज हमें प्रवचन के माध्यम से नित नयी वाणी सुनाते हैं, वह इस प्रकार हैंl

बंधुओं जैसे कि भाइयों रिश्ते बनाना उतना ही आसान है जिससे मिट्टी पर मिट्टी से लिखता लेकिन रिश्ते निभाना उतना ही मुश्किल हैl जिसे अपनी पर पानी से लिखना परिवार में तीसरा रिश्ता होता हैl इनके कारण परिवार में लडाई झगड़ा हो जाते हैंl जेठ ने कभी यह घमंड ना करें मैं बड़ी आप बुद्धि देव रानी की सहेली बन जाएl काम पडने पर उसका सहयोग कर दे कम होने पर उसका सहयोग ले लेl उसके कासन में तकलीफ हो बीमारी में उसका ध्यान रखिए उसका सिर पैर दबा दे वह जीवन भर के लिए आपको हो जाएगीl

क्या बड़ी क्या छोटी घर में एक बंद कर रहो जेठानी के पैर से साड़ी आए तो वह देवरानी से कह आज तुम पहन लो देवरानी जेठानी से कह मेरे प्यार से मेरे पापा ने सोने की चिड़िया दी हैl महीना पर आप पहन लीजिए फिर मैं पहन लूंगी इस तरह निकटता बढ़ेगीl एक बात और ख्याल रखें कभी भी एक दूसरे के प्यार की आलोचना न करें बल्कि सराहना ज़रूर करेंl वह भी बेवजह बात-बात में बीयर की तारीफ ना करती रहे यह अप्रत्यक्ष में ससुराल की आलोचना ही हैl हां एक दूसरे से सलाह भी ले तभी भावनात्मक दूरियां भी कम होगीl

चाहे मां की पर सलाह अवश्य ले मेरे भाई की जरूर काम आना परिवार में छोटा सा मंदिर भाई का मैं इस संबंध में बहुत बारीकी से दिया हैl हम वह भाई हैं जो दिन में तो साथ रहते हैं पर रात में भी साथ-साथ रहते हैंl बाकी दुनिया के भाई दिन में तो साथ होते हैं पर रात में नहीं इस तरह परिवार का प्रत्येक सदस्य आत्मनिर्भर बने जिसकी जितनी क्षमता उतना सहयोग करेl सभी कामत बने किसी न किसी प्रकार से परिवार में सहयोग करें परिवार में सभी सदस्य खुश रहेl हर सदस्य घर में सहयोग करें कुछ नहीं तो घर में अवस्थित तरीके सामान को भी व्यवस्थित रूप से जमा दे घर सज जाएगा और आपका व्यायाम भी हो जाएगाl

अम्बेश भवन में विराजित महासती सत्यसाधना जी म सा के मुखारबिंद से उत्तराध्ययन सूत्र का वांचन होगाl कल महासती जी म सा को उत्तराध्ययन सूत्र वेहराना हैl भी महानुभाव निम्नलिखित पच्चख्यान महासती जी म सा से लेंगे उनके हाथ से ही उत्तराध्ययन सूत्र ग्रहण होगा l

207, पोरषी

207, चौहियार

207, आनुपूर्वी

207, पूरे नवकार मंत्र की माला

एक वर्ष में पूर्ण करना है

कल सुबह 8:20 am तक अम्बेश भवन में पधार जावे🙏

🙏निवेदक :- भायंदर संघ 🙏

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