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जिन धर्म औषध है, गुरु डॉक्टर है: प.पू.धैर्याश्रीजी म.सा.

जिन धर्म औषध है, गुरु डॉक्टर है: प.पू.धैर्याश्रीजी म.सा.

श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन संघ कम्मनहल्ली अध्यक्ष: विजयराज चुत्तर, मंत्री: हस्तीमल बाफना  

-:कम्मनहल्ली में प्रवचन:-   

 

       श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन संघ कम्मनहल्ली में प.पू.धैर्याश्रीजी म.सा. ने बताया भव यही रोग, जिनशासन हॉस्पिटल है, जिन धर्म औषध है, गुरु डॉक्टर है, तीर्थंकर हॉस्पिटल के हेड है। अंग्रेजी वर्णमाला का एन हमें प्रेरणा देता है नोबडी कैन टेक योर डिजीज, कोई भी आपकी बीमारी नहीं ले सकता।

रोगों का निदान के लिए एलोपैथी, होम्योपैथी आदि का सेवन करता है। उसका जीवन दवाओ के सहारे ही चलने लगता। अगर निरोगी रहना हो तो भूख से कम खाना है। ईश्या से एसिडिटी, क्रोध से रक्तचाप, माया से कब्जी, लोभ से कफ, भय से लकवा आदि बीमारियां होती है। हमारे अशुभ भाव रोग ग्रस्त बना देते हैं।

 कर्नाटक तप चंद्रिका प.पू. आगमश्रीजी म.सा. ने सेवा के बारे में बताया सेवा करना इतना सरल नहीं है। कोरोना काल में हमने देखा कितनी सेवा की लोगों ने सारे अन्नछत्र खोल दिए। अगर हमने सभी की दुआ ली तो वह दवा लेने का काम ही है। करमाला, चेन्नई, मलकापुर, लोनार आदि क्षेत्रों से दर्शनार्थी पधारे। अध्यक्ष विजयराज चुत्तर मंत्री हस्तीमल बाफना सुधीर सिंघवी कमल बाफना ने स्वागत किया।

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