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जिनशासन को आलोकित करने वाली तपस्या की महिमा अपरंपार है: साध्वीश्री डाॅ.कुमुदलताजी

जिनशासन को आलोकित करने वाली तपस्या की महिमा अपरंपार है: साध्वीश्री डाॅ.कुमुदलताजी

स्वास्थ्यवर्द्धक जाप अनुष्ठान का आयोजन, तपस्वी का किया अभिनंदन

बेंगलूरु। विश्वविख्यात अनुष्ठान आराधिका, ज्योतिष चंद्रिका एवं शासनसिंहनी साध्वीश्री डाॅ.कुमुदलताजी की पावन निश्रा में गुरुवार को यहां वीवीपुरम स्थित महावीर धर्मशाला में श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य लाभ के लिये एवं आरोग्यवर्द्धक विशेष अनुष्ठान जाप करवाया। प्रत्येक गुरुवार को विविध प्रकार के जाप-अनुष्ठान की श्रृंखला में आज श्री वज्रपंज्जर स्तोत्र एवं भक्तामर के ग्यारहवें स्तोत्र के श्रद्धा, भक्ति औऱ पूर्ण आस्था के साथ सामूहिक जाप किया गया। इससे पूर्व अनुष्ठान के विभिन्न लाभार्थी परिवारों के सौजन्य से चौकी, थाली एवं कलश स्थापना की गई।
इस अवसर पर श्रीमती आशा संजय गोलेच्छा के 31 उपवास का पूर्ण होने पर मासक्षमण का पच्चखान लिया गया। समिति पदाधिकारियों द्वारा तपस्वी श्राविका का सत्कार भी किया गया। गुरु दिवाकर केवल कमला वर्षावास समिति के तत्वावधान में आयोजित इस चातुर्मासिक पर्व की धर्मसभा में हर्ष-हर्ष-जय-जय के उद्घोष के साथ ऐतिहासिक रुप से 25वीं मासक्षमण की तपस्या पूर्ण हुई। इस अवसर पर उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए साध्वीश्री ने कहा कि जैन धर्म के मूल में त्याग और तपस्या के मार्ग पर चलकर जीने का मार्ग है।
शरीर को साधन मानकर आत्मकल्याण इसकी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि किसी भी श्रद्धालु द्वारा तपस्या नहीं करके, तपस्वी की अनुमोदना करने पर भी उतना ही लाभ प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रभु महावीर ने हमारे दुखों को दूर कर मोक्ष के अव्याबाध सुख को प्राप्त करने का मार्ग दान, शील, तप और भाव के रुप में हमें दिया है।
डाॅ.कुमुदलताजी ने कहा कि जिनशासन को आलोकित करने वाली तपस्या की महिमा अपरंपार है। इस अवसर पर साध्वीश्री महाप्रज्ञाजी ने भजन प्रस्तुत किया। साध्वीश्री डाॅ.पद्मकीर्तिजी ने आदर्श परिवार अवार्ड की घोषणा करते हुए बताया कि अगले पांच रविवार तक जो भी श्रद्धालु परिवार समस्त सदस्यों के साथ धर्मसभा में उपस्थित होकर प्रत्येक रविवार को प्रवचन श्रवण करने उपस्थित होंगे उन्हें साध्वीमंडल द्वारा दिव्य मांगलिक आशीर्वाद प्रदान किया जाएगा।
साथ ही उन्हें आदर्श परिवार के अवार्ड से नवाजा जाएगा। समिति के महामंत्री चेतन दरड़ा ने बताया कि धर्मसभा में मंजुलाबाई सुराणा, पूजा कांटेड़ व रक्षा मेहता ने भी अपनी-अपनी भावाभिव्यक्ति एवं गीतिकाएं प्रस्तुत की। हैदराबाद, चेन्नई, कोयंबटूर, बिजयनगर, कालहस्ती, सिकंदराबाद व मैलापुर सहित शहर के विभिन्न उपनगरों से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
समिति के सहमंत्री अशोक रांका ने बताया कि अनुष्ठान के लाभार्थी परिवार के सदस्यों, आगंतुक अतिथियों व तपस्वीवृंदों का समिति के पदाधिकारियों में क्रमशः किरण मरलेचा, चेतन दरड़ा, अशोक रांका, ज्ञानचंद मूथा, रमेश सिसोदिया, राजेश गोलेच्छा, नथमल मुथा, निर्मल कटारिया, व दीपचंद पप्पूसा लूणिया तथा महिला समिति की सूरज कोठारी, उषा मुथा, मंजू लूंकड़, रंजना गोलेच्छा, प्रभा खाब्या आदि द्वारा सत्कार किया गया। रांका ने बताया कि जय जिनेंद्र प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। सभी का आभार समिति के सहकोषाध्यक्ष रमेश सिसोदिया ने जताया।

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