चेन्नई. टी. नगर जैन स्थानक में विराजित उपप्रवर्तक गौतममुनि ने कहा कि परमात्मा के जिन शासन में जो भी भाग्यशाली आत्मा जिनवाणी का लाभ लेते हैं उनका जीवन बदल जाता है। मनुष्य के जीवन के साथ जिनवाणी का समन्वय होना ही चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर मनुष्य अपने जीवन को सभी तरह से आंनदित देखना चाहता है तो जीवन का जिनवाणी के साथ समन्वय करना चाहिए। जिन्होंने जिनवाणी के साथ अपनी आत्मा को जोड़ने का प्रयाश किया उनका जीवन बदल गया।
परमात्मा की वाणी को सुनकर उस दिशा में आगे बढ़ने वाले आगे निकल जाते हैं। इतना ही नही बल्कि ऐसा करने वालो का जीवन धन्य और पावन भी बन जाता है। ऐसे उत्तम सत्संग में जाकर मनुष्य को अपने जीवन के मूल्यों को जानने का प्रयाश करना चाहिए।
समझने के बाद सक्तिनुसार खुद की आत्मा को परमात्मा की वाणी से जोड़ने का प्रयाश करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मनुष्य को मन, वचन और काया से भक्ति करनी चाहिए। अपने मन, वचन और काया को गुरुदेवों के चरणों मे लगा कर जीवन को ऊंचाइयो पर पहुचा देना चाहिए।
तभी सही मायने में जीवन सफल हो पायेगा। संतो के प्रति मन लगाने से बहुत ज्यादा लाभ मिलता है। ऐसे मौके आने पर उन्हें ऐसे जाने नही देना चाहिए। इससे पहले एस एस जैन संस्कार मंच द्वारा पुलीयानतोप स्थित डॉग वेलफेयर सेंटर मै दूध खीर एवं बिस्किट का वितरण किया गया।