*☀️प्रवचन वैभव☀️*
🌧️
6️⃣7️⃣
331)
जिनका
आत्म निश्चय
कमजोर है वही
पदार्थ के रंग में रंगते है.!
332)
90 वर्ष की उम्र में
हिमालय के शिखर पर
चढ़ने से भी
अधिक मुश्किल
व्यर्थ में गंवाए हुए
इस जन्म को
दोबारा प्राप्त करना हैं.!
333)
जो निज स्वभाव में
स्थिर रहता है,वही
सच्चा लोकप्रिय
बन सकता हैं..
क्योंकि
ऐसा व्यक्ति किसी के
जीवनमें डिस्टर्ब नही करता,
पीड़ा का कारण नही बनता..!
334)
दृष्टिराग छोड़ो
गुणानुराग से नाता जोड़ो.!
335)
न नरकलोक दुर्गति है,
न देवलोक सद् गति है,
जहां है सन्मति, वही हैं सदगति.!
🌧️
*प्रवचन प्रवाहक:*
*सूरि जयन्तसेन चरणरज*
मुनि श्रीवैभवरत्नविजयजी म.सा.
*🦚श्रुतार्थ वर्षावास 2024🦚*
श्रीमुनिसुव्रतस्वामी नवग्रह जैनसंघ
@ कोंडीतोप, चेन्नई महानगर