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जहां रिश्तों की नींव ही कमजोर होगी, वहां कोई भी रिश्ता टिक नहीं सकता

जहां रिश्तों की नींव ही कमजोर होगी, वहां कोई भी रिश्ता टिक नहीं सकता

अक्कीपेट पाठशाला के विद्यार्थियों ने लिया मांगलिक आशीर्वाद

बेंगलुरु। आचार्यश्री देवेंद्रसागरसूरीश्वरजी ने  मंगलवार को अपने चातुर्मासिक प्रवचन में कहा  कि  रिश्ते जब बनते हैं तो खुशी देते है वही रिश्ते जब टूटते हैं तो दुख देते हैं। 
रिश्ते हम अपने आप ही बनाते हैं और अपने ही हाथो से तोड़ देते हैं। कमी है तो सिर्फ थोड़ी सी समझदारी की अर्थात विश्वास की। उन्होंने कहा कि यदि थोड़ी समझ से और विश्वास से काम लिया जाए तो कुछ हद तक तो रिश्तों को बचाया जा सकता है।
आचार्यश्री ने कहा कि आज समाज में कोई भी रिश्ता ऐसा नहीं है जो विश्वास की बुनियाद पर हो, जहाँ विश्वास और सच्चाई ही नहीं है। जहाँ की रिश्तो की नींव कमजोर हो वहां कोई रिश्ता टिक नहीं सकता। उन्होंने कहा कि हम सामाजिक प्राणी हैं तथा समाज से अलग नहीं हैं।
हमारा कर्तव्य है कि जिस समाज में रहते हैं उसकी बुराइयों को दूर नहीं कर सकते को कम से कम उनका साथ तो न दे, क्योंकि समाज को सुधारना किसी एक के बस की बात तो नहीं है परन्तु आप अपने को तो सुधार ही सकते हैं इसमें हमारा हित भी तो है। इससे पूर्व आचार्यजी के दर्शन, मांगलिक आशीर्वाद का लाभ अक्कीपेट पाठशाला के विद्यार्थियों ने लिया।

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