*☀️प्रवचन वैभव☀️*
*🪷 सद् उपदेशक:🪷*
*युग प्रभावक कृपाप्राप्त*
मुनि श्रीवैभवरत्नविजयजी म.सा.
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जहां ग्रंथी है
वहां दुख ही दुख है.!
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प्रभु की
त्रिपदी में
शाश्वत सुख का
त्रैकालिक मार्ग छूपा हैं.!
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साधन से
सुख पाने की
इच्छा भ्रम है
क्योंकि
सुख तो साधना में है
साधन में कहीं भी नही हैं.!
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प्रायश्चित वरदान है
पापी के लिए.!
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जो अध्यात्म से
जुड़ जाता है उसे
देह स्तर पर कितनी भी
पीड़ा का उदय हो लेकिन
उसकी आत्मा को जरा सा भी
आर्तध्यान नही होता.!
*🦚श्रुतार्थ वर्षावास 2024🦚*