Share This Post

Featured News / Featured Slider / ज्ञान वाणी

जब तक सम्पूर्ण ज्ञान नहीं, कार्य में सफलता नहीं मिलती है: महासति दिव्यज्योतिजी म.सा.

जब तक सम्पूर्ण ज्ञान नहीं, कार्य में सफलता नहीं मिलती है: महासति दिव्यज्योतिजी म.सा.

 नागदा (निप्र)- गुरूभक्तो को संबोधित करते हुए महासति दिव्यज्योतिजी म.सा. ने कहा कि प्रत्येक सफलता के पीछे सम्पूर्ण ज्ञान का होना परम आवश्यक है। नॉलेज की कमी अज्ञानता का कारण बनती है एवं वह जो भी चाहता है वह अधुरा रह जाता है। आपने कहा कि तप ज्ञान हो तो ही करना चाहिये, अज्ञान तप से कुछ मिलने वाला नहीं है। क्योंकि तप बिना लोभ लालच एवं प्रमाद में नहीं करना चाहिये। महासति काव्याश्रीजी म.सा. ने कहा कि अपने जीवनकाल में प्रत्येक कार्य गंभीरतापूर्वक करना चाहिये महासति नाव्याश्रीजी ने कहा कि धर्म में कर्म महान हे कर्मो का बंधन में प्रत्येक मानव बंधा हुआ है।

 मीडिया प्रभारी महेन्द्र कांठेड़ एवं नितिन बुडावनवाला ने बताया कि तप चक्रेश्वरी महासति पूज्या गुरूदेव श्री सौम्याश्रीजी म.सा. के 21 उपवास की तपस्या चल रही है जाप की प्रभावना का लाभ तरूणा सुशील कांठेड़ एवं चंदनमल रविकुमार संघवी ने प्रदान की। तीन उपवास की तपस्या श्रद्धा संघवी एवं इन्दु सुनिल लोढ़ा के चल रही है। अतिथि सत्कार का लाभ सुनीलजी सिद्धार्थजी यशजी सकलेचा ने लिया। संचालन अरविन्द नाहर ने किया एवं आभार चातुर्मास अध्यक्ष सतीश जैन सांवेरवाला ने माना। श्रीसंघ अध्यक्ष प्रकाशचन्द्र जैन लुणावत ने अधिकतम धर्मलाभ की अपील की।

सभा में प्रमुख रूप से ये रहे उपस्थित- दिलीप कांठेड़, जितेश भण्डारी, रमेश तांतेड़, राजेन्द्र जैन सांवेरवाला, सुनील लोढ़ा, पारस पोखरना, अजीत मारू, निर्मल चपलोद, राजेन्द्र गोखरू, सुरेन्द्र पितलीया, वर्धमान धोका, राजेन्द्र मोगरा, धर्मेन्द्र बम, अजय मुरडिया आदि उपस्थित थे।

दिनांक 22/09/2022

 मीडिया प्रभारी

  महेन्द्र कांठेड

  नितिन बुडावनवाला

Share This Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Skip to toolbar