चेन्नई. कोडमबाक्कम-वड़पलनी जैन भवन में विराजित साध्वी सुमित्रा ने कहा कि वर्तमान में मनुष्य छल और कपट की भावना में फंस कर अपने आनंद के द्वार को बंद कर रहा है। जिस भव के लिए देवता तरसते है उस भव में आने के बाद भी अगर मानव परेसान है तो यह उसके ही कर्मों की सजा है।
खुद को आगे निकालने के लिए हर मोड़ पर दूसरे के साथ छल कर रहा है झूट बोल रहा है। लोगो को लगता है कि दूसरों के साथ छल कर वे बहुत खुश हो जाएंगे। लेकिन याद रहे कि छल करना झूट बोलना बहुत ही आसान है पर उसकी सजा बहुत ही दुखदाई होती है। सजा काटना आसान नही होता और सजा काटे बिना किसी का कल्याण नही होता।
उन्होंने कहा कि विछछू का काटा रोता है सांप का काटा सोता है पर कपट का काटा ना सोता है ना रोता है सिर्फ तड़पता है। लोग अपने फायदे के लिए झूठ पर झूठ बोलते है और दुसरों के साथ छल करते है। लोगो को कपटी और छल करने वाले मनुष्य पसंद नही होते पर खुद के फायदे के लिए कपट और छल करना पसंद होता है। उन्होंने कहा कि कपट करना और उसे छिपाने के लिए झूट बोलना मनुष्य को दुर्गति में पहुचा रही है।
इस छोटी सी जिंदगी में किसी के साथ कपट नही करनी चाहिए। अपने लाभ के लिए किसी को दुख देना सही नही होता। किसी की हाय नही लेनी चाहिए, ये सबसे खतनाक होती है। उन्होंने कहा कि मनुष्य ने अपने कपटीपन और झूठ की भावना पर अब तक विचार नही किया है। जिस दिन भी सच्चे मन से विचार करेगा अपने आप ही इन चीजों से दूर हो जाएगा।
मानव भव पाकर धर्म में जाने के बजाय भटक कर गलत मार्ग पर बढ़ रहा है। लोगो की उम्र बित रही है पर बदलाव नही आ रहा। ऐसा सिर्फ खुद के गलत कर्मो की वजह से है। धर्म की ओर बढ़ने वाला इन मार्गो से दूर होकर जीवन का कल्याण कर सकता है। याद रखो जैसा दोगे वैसा ही पाओगे। अच्छा चाहिए तो अच्छा करो। संचालन मंत्री देवीचंद बरलोठा ने किया