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चौबीस तीर्थकरों की स्तुति करने से हमें ऊर्जा मिलती है: साध्वीश्री प्रतिभाश्री

चौबीस तीर्थकरों की स्तुति करने से हमें ऊर्जा मिलती है: साध्वीश्री प्रतिभाश्री

आज विजयनगर स्थानकभवन में जैन दिवाकरिय साध्वीश्री प्रतिभाश्री जी ने उत्तराध्ययन सूत्र के 29वें अध्ययन के तहत बताया कि चौबीस तीर्थकरों की स्तुति करने से हमें ऊर्जा मिलती है।जिससे असंभव कार्य भी सम्भव हो जाते हैं।दर्शन की व्याख्या करते हुए बताया कि संयम के लिए पहले समकित का होना जरूरी है।जँहा सम्यक्त्व नहीं होता है वँहा शंकाएँ व आकांक्षाएं।ज्यादा बढ़ जाती है समकित नहीं होने पर व्यक्ति का विश्वास डगमगा जाता है वैसे ही जैसे वृद्धावस्था में चलते हुए हाथ का डंडा कंपकंपाता है।सिर्फ जैन कुल में जन्म ले लेने से जैनत्व नहीं हो जाता है जैनत्व जैन संस्कारों से आता है।आज स्थिति आश्चर्य जनक है कि हम अन्य धर्मों का बोध तो रखते हैं पर हमें अपने स्वधर्म का ही बोध नहीं है।

साध्वी प्रेक्षाश्री जी ने कई कथानकों के माध्यम से जैसे राम-लक्ष्मण नंदिवर्धन-महावीर व अन्य उदाहरण देते हुए बताया कि आज के समय मे यदि समाज को संघठित रखना है तो पहले इनकी तरह भाई भाई को एक होना पड़ेगा।समर्पण व मर्यादाओं का ध्यान रखते हुए एक दूसरे के प्रति अपने अपने कर्तव्यों को निभाना चाहिये।चाहे जो स्थिति हो भाई को भाई का साथ देना चाहिए।

 साध्वी प्रेरनाश्री जी ने अनुशासन पर विस्तृत रूप से समझाते हुए बताया कि अनुशासन से ज्ञानावर्णीय कर्म के बंधन टूटते हैं। साध्वीश्री ने बताया कि अनुशासन सिर्फ पाठशालाओं में ही सीखा जा सकता है।आज दीपिका कोठारी हनुमंतनगर ने 12की तपस्या के प्रत्याख्यान लिये।ज्ञानशाला के बच्चों ने बहुत ही सुंदर नाटिका के माध्यम से प्रस्तुति दी कि ज्ञानशाला जाने और न जाने वाले बच्चों व उनके अभिभावकों में कितना भेद होता है।दोनों के जीवन मे कितना अंतर आ जाता है।संस्कारवान अपने जीवन को उच्चत्तम व आदर्श जीवन जीता है वंही संस्कारों से अभावग्रस्त अपने स्वयं का परिवार का समाज का व धर्म का सभी तरह से नाश कर देता है।ट्रस्ट के द्ववारा संचालित चातुर्मास में प्रति रविवार को आयोजित बाल संस्कार शिविर में करीब 150 बच्चों ने बड़े ही उत्साह के साथ भाग लिया।इस अवसर पर जैन कांफ्रेंस के राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष श्री दीपक जी भटेवरा व प्रान्तीय युवा अध्यक्ष श्री विकास जी कोठारी अपनी युवा टीम के पदाधिकारियों के साथ तथा प्रांतीय अध्यक्ष श्रीमान पुखराज जी मेहता,विजयनगर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमान राजेन्द्रजी कोठारी युवा अध्यक्ष पारस मल मेहता ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष श्रीमान सुरेशचंद जी बोहरा,श्रीमान चेनराज जी छाजेड़,महिला अध्यक्षा कमलाबाई बोहरा व कई महानुभावो ने शिविर का अवलोकन कर अत्यंत प्रसन्नता जाहिर की।

राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि सच्चे अर्थों में यही चतुर्मासों का सार है जिस पर हमें अत्यधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। सभी महानुभावो ने प्रतिभागी बच्चों को गिफ्ट दिये।तथा सभी बच्चों को अल्पाहार करवाया। ज्ञानशाला के 16 बच्चों ने तप के तहत दया में भाग लिया।प्रबंध समिति के पंकज मेहता,धनराज बोहरा,हितेश पगारिया व मुकेश भंडारी ने उत्कृष्ट व्यवस्था संभाली।

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