श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ तमिलनाडु के तत्वावधान में स्वाध्याय भवन, चेन्नई में आचार्य श्री जयमलजी म.सा की 315 वीं जन्मजयन्ति गुणानुवाद
श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ-तमिलनाडु के तत्वावधान में एक भव अवतारी भीष्म प्रतिज्ञाधारी जयमलजी म.सा की 315 वीं जन्मजयंति भादप्रद शुक्ल त्रयोदशी को जप-तप-त्याग पूर्वक स्वाध्याय भवन,साहूकारपेट,चेन्नई में मनाई गई | स्वाध्यायी सुश्रावक श्री महावीरचंदजी तातेड़ ने आचार्य भगवन्त पूज्यश्री हस्तीमलजी म.सा द्वारा लिखित जैन धर्म का मौलिक इतिहास के केवली – श्रुतधर खण्ड का वांचन किया | धर्म सभा में उपस्थित श्रदालुओं ने जयजाप की स्तुति की | श्री महावीर चंदजी तातेड़ ने आचार्यश्री जयमलजी म.सा के जन्म-वैराग्य के कारण,दृढ़ संकल्प व प्रतिज्ञामय चरित्र मय जीवन व उनके द्वारा की गई अनेक तपस्याओं का विवेचन किया |
आर. नरेन्द्रजी कांकरिया ने आचार्य पूज्यश्री जयमलजी म.सा द्वारा रचित बड़ी साधु वन्दना का उल्लेख किया, जिसमे अनेक आगमों की चरित्रमय आत्माओं का वर्णन हैं | उनकी कृति बड़ी साधु वन्दना की श्रदालुओं द्वारा स्तुति की जाती हैं | धर्मसभा में श्रीमती पुष्पलताजी गादिया, श्री इंदरचंदजी कर्णावट, कांतिलालजी तातेड़, महावीरचंदजी कर्णावट, गौतमचंदजी मुणोत, रुपराजजी सेठिया, अम्बालालजी कर्णावट, लीलमचन्दजी बागमार आदि श्रावक-श्राविकाओं की उपस्थिति प्रमोदजन्य रही | आर. नरेन्द्रजी कांकरिया ने मंगलपाठ सुनाया | नियमित स्तुति, जैन सूत्र संकल्प, तीन मनोरथ, सामूहिक नियम के पश्चात तीर्थंकर भगवन्तों, आचार्य भगवन्तों, उपाध्याय, साध्वी प्रमुखा, चरित्र आत्माओं की जयजयकार के साथ जयमलजी म.सा की जन्म जयन्ति आयम्बिल तप-त्याग- प्रत्याख्यान सहित पूर्ण हुई |
प्रेषक :-
आर नरेन्द्र कांकरिया
श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ, तमिलनाडु
पता :- श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ, स्वाध्याय भवन, 24/25 बेसिन वाटर वर्क्स स्ट्रीट,साहूकारपेट, चेन्नई 600 001 तमिलनाडु.