श्रेणी आरोहण मंगल भावना समारोह
माधवाराम् चेन्नई स्थित आचार्य महाश्रमण तेरापंथ पब्लिक स्कूल के प्रांगण में साध्वी अणिमाश्रीजी के सान्निध्य में श्रेणी आरोहण आदेश प्राप्त समणी शीलप्रज्ञाजी का तेरापंथ सभा के तत्वावधान में मंगल भावना समारोह का आयोजन किया गया। नमस्कार महामंत्र से प्रारंभ इस मंगल भावना समारोह में मंगल उद्बोधन प्रदान करती हुई साध्वी अणिमाश्री ने कहा कि आत्मज्योति को ऑन करने का स्विच है – संयम।
चित्त को विराट से जोड़ने की प्रक्रिया का नाम है – संयम। धन्य है वह जो अपनी जीवन की महफिल में संयम का दीप जलाते हैं। जीवन गुलशन में संयम का फूल खिलाते हैं। समणी शीलप्रज्ञाजी ने 32 वर्ष पूर्व समण श्रेणी में दीक्षित होकर संयम के पथ पर अग्रसर हुई और अब आचार्य महाश्रमणजी की कृपा से श्रेणी आरोहण कर रही है। आपकी संयम यात्रा आनंदप्रदायी, समाधिदायी बने। साध्वीश्री ने आगे कहा समणी शीलप्रज्ञा ने अपने मधुर व्यवहार, शीतल स्वभाव, ऊंची सोच व ओदार्य आदि गुणों से सबके दिल को जीता हैं। 21 वर्ष तक लगातार वर्षीतप करके समण-श्रेणी की तप: पंक्ति में प्रथम नाम अंकित करवाया है।
देश-विदेश में धर्म की अच्छी प्रभावना की है। संयम श्री का वरण कर अपने जीवन को और अधिक दीप्तिमान करना। गुरुदृष्टि का आराधन कर जीवन को सफल बनाना। समणी कांतिप्रज्ञाजी सेवाभावी समणी हैं। अल्पभाषिता इनकी साधना का विशेष गुण हैं। आप भी संयम श्रेणी आरोहण की और बढ़े, शुभ मंगलकामना।
डॉ. साध्वी श्री सुधाप्रभा ने प्रभावी मंच संचालन करते हुए कहा श्रेणी आरोहण का पल आत्मा के आरोहण का स्वर्णिम पल बने। आत्मारोहण का पल वीतराग चेतना के ऊध्वारोहण का पल बने। वीतरागता की और बढ़े ये कदम वीतराग बनकर ही कृतकाम बने। समणी शीलप्रज्ञा ने अपने श्रद्धासिक्त भावों की प्रस्तुति देते हुए कहा हर व्यक्ति अपने जीवन में आरोहण चाहता हैं। मुझे तो श्रेणी आरोहण का अवसर प्राप्त हुआ हैं, इसलिए अत्यधिक प्रसन्नता हैं।
मुझे साध्वीश्रीजी की सन्निधि का सौभाग्य प्राप्त हुआ। साध्वी अणिमाश्रीजी हमारे धर्मसंघ की तेजस्वी, ओजस्वी एवं वर्चस्वी साध्वी हैं। आपका उज्जवल आभामंडल हमारे भीतर उर्जा का संचार करता हैं। आप की अप्रमत्तता, समय प्रबंधन अनुत्तर हैं। आप अपनी प्राणवान साधना से पावरफुल बन गए हैं। आप के निकट आने वाला हर व्यक्ति शक्ति की अनुभूति करता है। आप मुझे ऐसा आशीर्वाद प्राप्त करावे कि मैं संयम के आनंद का रसास्वादन करती हुई लक्षित मंजिल का वरण करूं। समणी कांतिप्रज्ञा ने कहा समणी शीलप्रज्ञाजी हंसमुख, व्यवहारकुशल समणी हैं। हम वर्षों से साथ रहे हैं। आपकी संयम यात्रा नए इतिहास का सृजन करने वाली हो।
साध्वी कर्णिकाश्री, साध्वी सुधाप्रभा, साध्वी समत्वयशा एवं साध्वी मैत्रीप्रभा ने तेरापंथ युवक परिषद्, तेरापंथ किशोर मंडल, तेरापंथ महिला मंडल के साथ भावपूर्ण गीत का जोशीले स्वरों में सुमधुर संगान किया। पूरी परिषद् ने ऊँ अर्हम की ध्वनि से हर्षाभिव्यक्ति दी। तेरापंथ सभा अध्यक्ष श्री विमल चिप्पड़, तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष श्री रमेश डागा, तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम अध्यक्ष श्री सुरेश सकलेचा, तेरापंथ महिला मंडल मंत्री श्रीमती गुणवंती खांटेड़ कोषाध्यक्ष श्रीमती हेमलता नाहर, स्कूल के पूर्व चेयरमैन श्री देवराज आच्छा, अणुव्रत समिति के मंत्री श्री जितेंद्र समदरिया, श्रीमंतजी दूधोड़िया, श्रीमती संगीता बाफना ने अपने भावों द्वारा श्रेणी आरोहण की मंगलकामना की।
माधावरम् के वरिष्ठ श्रावक-श्राविकाओं ने प्रथम बार सहप्रस्तुति के साथ समणीजी की वर्धापन की। माधावरम् ज्ञानशाला के बच्चों ने साध्वीश्रीजी द्वारा रचित गीत पर आकर्षक एवं मनमोहक प्रस्तुति देकर सबका मन मोह लिया। गीत को स्वर दिया मधुर गायक श्री राकेश मांडोत ने। श्रीमती कविता मेड़तवाल, नीलम आच्छा व इंद्रा रांका ने अच्छा श्रम किया।
स्वरुप चन्द दाँती
प्रचार प्रसार प्रभारी
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, चेन्नई