सभा मंत्री महेन्द्र वैद ने बताया कि सर्वप्रथम मुनिश्री मोहजीत कुमारजी ने प्रातः परदेसी राजा का प्रवचन दिया।उसके पश्चात बालोतरा श्रावक समाज को धर्म के प्रति दृढ़ रहने की प्रेरणा दी और फरमाया कि बालोतरा श्रद्धावान क्षेत्र है वह अपना निरन्तर विकास करता रहे ।
सभी श्रावक संघ और संघपति के प्रति निष्ठा भाव रखें और प्रेरणा दी कि सभी श्रावक इसी तरह धर्म आराधना करते रहे । गुरु इंगित और साधु साध्वियों के इंगित का विशेष ध्यान रखे। साधु तो रमता भला । उसका तो आना भी मंगल है,रुकना भी मंगल है और जाना भी मंगल है । उसके बाद श्रावक समाज ने सभी मुनिवृन्द के प्रति क्षमायाचना की और ऐतिहासिक चार्तुमास के लिए खूब खूब कृतज्ञता जाहिर की ।
पूरे तेरापंथ श्रावक समाज ने आगे विहार के लिये शुभ मंगलकामनाएं प्रेषित की। मुनिश्री का आगे का विहार अब गुजरात की ओर होगा। इससे दो दिन पूर्व मुनिश्री के प्रति कृतज्ञता, मंगलभावना और क्षमायाचना प्रकट करने हेत मंगल भावना का कार्यक्रम आयोजित हुआ।
इसमें अनेक श्रावकों ने अपने भाव कविता, मुक्तक, गीत और वक्त्यव द्वारा प्रस्तुत किये । इस अवसर पर तेरापंथ समाज के गणमान्य नागरिक के साथ में वृहद संख्या में श्रावक समाज उपस्थित हुआ और सैकड़ो की संख्या लोग विहार रैली में शामिल हुए।