चेन्नई. साहुकारपेट स्थित जैन भवन में विराजित साध्वी सिद्धिसुधा के सानिध्य में शुरू नवग्रह शांति जाप में मंगलवार को वासुपूज्य देव का जाप हुआ।
साध्वी सुविधि ने कहा कि जाप का महत्व जीवन मे चाभी की तरह होता है। जैसे घर मे ताला बंद कर चाभी अपने पास रखते हैं और उससे ताला को खोलने की उम्मीद होती है। वैसे ही जाप का काम होता है।
जाप करने से बंद कर्मो के ताला खुलते हैं। जाप करने के बाद ही ताला खुल सकता है। जीवन के ताले को खोलना है तो ध्यान लगा कर जाप कर लेना चाहिए। रोज मर्रा के जीवन मे तनाव बहुत है उसको दूर करना सिर्फ परमात्मा की भक्ति से ही सम्भव है।
प्रभु की भक्ति तो सब करते है लेकिन कैसे करते हैं वह जरूरी होता है। उन्होंने कहा कि परम पिता परमात्मा की भक्ति में अहोभाव होना चाहिए। चौबीस घंटे संसार के कार्य मे चित्त लगाया है तो थोड़ा समय भक्ति में लगा कर जीवन के दुख को दूर कर लेना चाहिए।
भक्ति करने के बाद परमात्मा से अपने किसी भी गलती के लिए क्षमा याचना भी कर लेनी चाहिए। साध्वी समिति ने कहा कि अगर दो मनुष्य के पास दस दस रुपये है और वह एक दूसरे के साथ शेयर करे तो दोनों के पास दस रुपये ही बचेगा। लेकिन विचार अगर साझा कर काम किया जाय तो विचार डबल हो जाते हैं और साफलता जरूर मिलती हैं।
संसार मे मनुष्य के जीवन मे कितने भी अवगुण हो पर एक न एक सद्गुण जरूर होता है। वैसे ही सोलह सतियों का जीवन था। अगर उनके जीवन से एक भी गुण अपने जीवन मे उतारा जाए तो जीवन के सभी अवगुण समाप्त हो जाएंगे। जीवन मे आगे जाने के लिए थोड़ा कष्ठ तो झेलना ही पड़ेगा। बिना उसके कोई भी आगे नहीं जा पाता है।