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Khabar

चातुर्मास हुवा पूर्ण , चल दिए गुरुवर एंव गुरुणी विहार को

 

*बहती धारा सम निकल जायेगे एक नए पड़ाव को*।

*🤷‍♂️ ऐ हवा तू धीरे चलना , उनके पास न गाड़ी है*,

*कैसे भी रास्ते हो चाहे , बस पैदल ही तैयारी है*,

*🤷‍♂️ ऐ सूरज तुम धीमे आना , सड़क को न ज्यादा तपाना*,

*मेरे गुरुवर एंव गुरुणी के चरणों को अपनी तपिश से न जलाना*।

*🤷‍♂️ ऐ गाड़ी वाले तुम सम्भल कर चलाना, धुंध में न कोई धोखा खाना*,

*अनजानी राहों में मेरे गुरुवर एंव गुरुणी को राह बताना*,

*🤷‍♂️ अमूल्य धरोहर है ये हमारी , हम सबकी जिम्मेदारी है*,

*ये सुरक्षित पहुंचे आगे , हर संघ को करनी तैयारी है*,

*🤷‍♂️ जिन धर्म के ये सजग प्रहरी , इनसे ही शासन चल रहा*

*इनके विचरण के कारण ही जन जन को ज्ञान मिल रहा*

*🤷‍♂️ श्रावक कहलाते है मात पिता तो अब फ़र्ज़ निभाना है*,

*सभी साधु साध्वी जी की सुरक्षा का बीड़ा उठाना है*,

*🤷‍♂️ सबकी है पुकार यही , जाग जाओ सोने वालों*,

*देकर अपना कुछ समय, शासन की सेवा में आओ*।

*🤷‍♂️ सार्थक कर ले अपना जीवन , कुछ हम भी सेवा कर पाए*

*इतनी शक्ति देना परमात्मा , इस धरोहर को संभाल पाए*

*🤷‍♂️ कठिन सफर पर चल रहे जो , जिनका सकल समाज परिवार है*।

*ऐसे महान आत्माओं से ही हो रहा जन जन का उद्धार है*।

 

🙏🙏🙏🙏🙏

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