*बहती धारा सम निकल जायेगे एक नए पड़ाव को*।
*🤷♂️ ऐ हवा तू धीरे चलना , उनके पास न गाड़ी है*,
*कैसे भी रास्ते हो चाहे , बस पैदल ही तैयारी है*,
*🤷♂️ ऐ सूरज तुम धीमे आना , सड़क को न ज्यादा तपाना*,
*मेरे गुरुवर एंव गुरुणी के चरणों को अपनी तपिश से न जलाना*।
*🤷♂️ ऐ गाड़ी वाले तुम सम्भल कर चलाना, धुंध में न कोई धोखा खाना*,
*अनजानी राहों में मेरे गुरुवर एंव गुरुणी को राह बताना*,
*🤷♂️ अमूल्य धरोहर है ये हमारी , हम सबकी जिम्मेदारी है*,
*ये सुरक्षित पहुंचे आगे , हर संघ को करनी तैयारी है*,
*🤷♂️ जिन धर्म के ये सजग प्रहरी , इनसे ही शासन चल रहा*
*इनके विचरण के कारण ही जन जन को ज्ञान मिल रहा*
*🤷♂️ श्रावक कहलाते है मात पिता तो अब फ़र्ज़ निभाना है*,
*सभी साधु साध्वी जी की सुरक्षा का बीड़ा उठाना है*,
*🤷♂️ सबकी है पुकार यही , जाग जाओ सोने वालों*,
*देकर अपना कुछ समय, शासन की सेवा में आओ*।
*🤷♂️ सार्थक कर ले अपना जीवन , कुछ हम भी सेवा कर पाए*
*इतनी शक्ति देना परमात्मा , इस धरोहर को संभाल पाए*
*🤷♂️ कठिन सफर पर चल रहे जो , जिनका सकल समाज परिवार है*।
*ऐसे महान आत्माओं से ही हो रहा जन जन का उद्धार है*।
🙏🙏🙏🙏🙏