चेन्नई: क्रांतिकारी संत श्री कपिल मुनि जी म.सा. ने विरुगमबाक्कम में चातुर्मास संपन्न करके बुधवार को सवेरे 8.30 बजे मंगल विहार किया। मुनि श्री की विहार यात्रा में शामिल होने के लिए अलसुबह ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का एमएपी भवन में तांता लगना शुरू हो गया।
मुनि श्री के प्रस्थान करने से पूर्व नवकार महामंत्र और भक्तामर स्तोत्र का जाप किया । इसके बाद मुनि श्री विशाल जनमेदिनी के बीच जयकारों के उद्घोष के साथ शहर के मुख्य मार्गों से गुजरते हुए स्कूल स्ट्रीट स्थित मीठालाल पगारिया के निवास पर पहुंचे । यहाँ मुनि श्री के सानिध्य में धर्म सभा का आयोजन किया गया ।
मुनि श्री ने अपने यशस्वी चातुर्मास की समाप्ति के बाद प्रथम विहार के अवसर पर कहा कि विरुगमबाक्कम -चेन्नई के श्रद्धालु श्रावक हलुकर्मी , सरलमना ,धर्मप्रेमी और संत प्रेमी हैं । यहाँ मुझे श्रावकों से जो प्रेम और श्रद्धा का उपहार मिला वह मेरे जीवन की अनमोल धरोहर है । मुनि श्री ने अपने चातुर्मास में उपस्थित होने वाले प्रत्येक सहयोगी को चातुर्मास की सफलता का श्रेय दिया ।
उन्होंने कहा कि विरुगमबाक्कम की धरा पर मेरा चातुर्मासिक प्रवास मेरे लिए और जन जन के लिए अविस्मरणीय बन गया है । मै जहाँ भी जाऊँगा वहां पर विरुगमबाक्कम वासियो की श्रद्धा ,समर्पण और सेवा भावना की चर्चा जरूर करूँगा।
इस मौके पर मुनि श्री ने अपने द्वारा ज्ञात अज्ञात रूप से हुई किसी भी प्रकार की त्रुटि के लिए सभी से क्षमा याचना की । उस वक्त उपस्थित सभी की आँखें नम हो गयी और मुनि श्री के विहार होने की कल्पना से ह्रदय भारी हो गया । इस मौके पर संघ के अध्यक्ष प्रकाशचंद गोलेछा ने सभी के सहयोग के प्रति आभार प्रकट किया।
मंत्री महावीरचंद पगारिया ने मुनि श्री के प्रति आभार प्रकट करते हुए संघ की ओर से ज्ञात जाने अनजाने में हुई किसी भी प्रकार की अवज्ञा और आशातना के लिए मुनि श्री के समक्ष क्षमा याचना की और शेषकाल में मुनि श्री की विहार यात्रा सुखमय और साताकारी हो ऐसी मंगल भावना व्यक्त की।
इस मौके पर इस मौके पर चेन्नई के विभिन्न उपनगरों के गणमान्य व्यक्ति सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित थे । मुनि श्री का गुरुवार को प्रवचन विरुगमबाक्कम स्थित पगारिया निवास पर सवेरे 9.15 बजे से 10.15 बजे तक होगा ।