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चातुर्मास पश्चात मुनि रमेश कुमार ठाणा-2 का मंगलविहार

चातुर्मास पश्चात मुनि रमेश कुमार ठाणा-2 का मंगलविहार

आचार्यश्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनिश्री रमेश कुमार जी सहवर्ती मुनि सुबोध कुमार जी ने आज ट्रिप्लिकेन तेरापंथ भवन से मंगलमय वातावरण में विहार हुआ। शासनसेवी स्व. जुगराज जी के सुपुत्र गौतम जी सेठिया के निवास स्थान पर जुलूस के साथ पधारें। पूरे सेठिया परिवार ने मुनि द्वय का भावभरा स्वागत अभिनन्दन किया।

विहार से पूर्व परदेशी राजा का आख्यान का वाचन करते हुए मुनि रमेश कुमार ने कहा – धर्म अशरण का शरण है। अत्राणों को त्राण देने वाला और अप्राणों है। जो धर्म की शरण में आ जाता है उसकी जीवन नौका पार लगती है। इसलिए हर व्यक्ति को जीवन की हर परिस्थिति में धर्म का सहारा लेना चाहिए।

बडे से बडे पापात्मा भी धर्म की शरण में आकर अपने जीवन को सम्पूर्ण तरह से बदला है। इसी का जीवंत उदाहरण है राजा परदेशी का आख्यान जो चार ज्ञान के धनी कुमारकेशी श्रमण की संगत में एक बार ही आये और अपने जीवन का रुपान्तरण किया। दृढ धर्मी और प्रिय धर्मी बने

मैनेजिंग ट्रस्टी गौतम चन्द जी सेठिया और विजयराज जी गेलडा ने मंगल भावन व मंगल विहार के संदर्भ में अपने विचार व्यक्त किये।
तेरापंथ भवन से मुनि द्वय जुलूस में सैंकड़ों भाई बहनों के साथ सिंग्राचरी, ट्रिप्लिकेन हाइवे होते हुए सेठिया निवास पधारें।

14- नवम्बर को प्रातः 7:30 बजे ऐलिस रोड दीपक जी प्रवीण जी टांटिया एगमोर में पाधारेंगे। आप सभी दर्शन सेवा का लाभ लेवें।

संप्रसारक
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी ट्रस्ट ट्रिप्लिकेन

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