साध्वी सुमित्रा ने किया चातुर्मासिक प्रवेश
चेन्नई. साध्वी सुमित्रा, साध्वी सुप्रिया, साध्वी साक्षी, साध्वी सुदीप्ति, साध्वी सुविधि और साध्वी प्रियांशी का भव्य चातुर्मासिक मंगल प्रवेश रविवार को श्री जैन संघ कोडमबाक्कम-वडपलनी में हुआ। मंगल प्रवेश यात्रा प्रात: 9.15 बजे कॉर्पोरेशन कॉलोनी में स्थित सोहनलाल बाफना के निवास स्थान से भक्तों के सैलाब, मंगल ध्वनि और जिनशासन के नारों के उद्घोष के साथ जैन भवन पहुंचकर धर्मसभा में परिवर्तित हुई।
महिलाओं द्वारा गीत प्रस्तुत करने के बाद संघ के अध्यक्ष बुधराज भंडारी ने स्वागत भाषण दिया। साध्वी सुमित्रा ने सभी को इस चातुर्मास की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आगामी चार महीने धर्म का मीठा रंग चढ़ाने का अवसर मिला है तो इस अवसर का लाभ लेकर आगे निकलने की कोशिश करनी चाहिए। यह रंग चढऩे पर लाख बाधाएं आने के बाद भी मनुष्य आगे बढ़ता जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह दिवस मंगलमय दिवस है, सोते हुए को जगाने का अवसर है। धन तो बहुत कमाया अब धर्म कमाने का समय आया है। मनुष्य अपने धन का अगर सही उपयोग करे तो उससे लाभ मिलता है पर यहां से जाने के बाद धन साथ नहीं जाता। लेकिन धर्म मनुष्य का साथ कभी नहीं छोड़ता है। रहने पर भी धर्म साथ होता है और ना होने पर भी साथ होता है।
मनुष्य अगर पैसे वाला हो तो उसके जाने के बाद लोग उसे याद करें या ना करें लेकिन अच्छे कर्म वाले व्यक्ति को लोग कभी नहीं भूलते। इन चार माह में दान, शील, तप, ध्यान की भावना में बहकर साधना करनी है व अपने कषायों को दूर करना है। साधु लोगों को जगाने के लिए आते हैं, ऐसे मौके आने पर मनुष्य को मोह निद्रा से जाग कर धर्म ध्यान में लगना चाहिए।
साध्वी सुप्रिया ने कहा मोह माया में फंस कर मनुष्य अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण नहीं कर पा रहा है। लेकिन मोक्ष की प्राप्ति के लिए इच्छाओं पर काबू करना बहुत ही जरूरी है। यह चार माह का पल सभी के जीवन में बदलाव करने के लिए आया है। ऐसे मौके का उपयोग कर जीवन में बदलाव की ओर बढऩा चाहिए। जैसी जिसकी भावना होगी वैसा ही उसे आने वाले समय में मिलेगा।
अन्य साध्वी ने गीतिका प्रस्तुत की। इस मौके पर कमला मेहता, रिखबचंद बोहरा, मंगलचंद, अशोक गादिया और राकेश बोहरा समेत अन्य लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किए। संचालन संघ के अध्यक्ष ने किया।