नागदा (निप्र)- महावीर भवन में गुरूभक्तो को संबोधित करते हुए महासति दिव्यज्योतिजी म.सा. ने कहा कि भगवान ने जो प्राकृतिक रचना की है इसमें कई चीजे या वातावरण में समय अनुसार बेजोड़ होकर उसका कोई तोड़ नहीं है जैसे चन्द्रमा की शीतलता से मानव जीवन पर अद्भुत प्रभाव छोड़ता है जो मेडीकल का कार्य करती है जैसे शरद पूर्णिमा के दिन बनाई गई खीर दमा-अस्थमा को खत्म करने में सहायता प्रदान करती है। बिना पलक झपके चन्द्रमा की ओर एक टक निहारने से नेत्र ज्योति में वृद्धि एवं मस्तिष्क से संबंधित कई समस्याओं का समाधान होता है। मेघो की गर्जना से आकाश में आवाजो के साथ चारो और प्रकाश फैल जाता है इसी प्रकार सूर्य की तेज रोशनी की सात तरह की किरणे सम्पूर्ण विश्व में विटामिन डी का अद्भुत भण्डार है। ये चारो से हमको बहुत कुछ सीखने समझने करने हेतु प्रेरीत करती है। सूर्य देवता कई बिमारियो में रामबाण औषधी का कार्य करता है। इन सबका ज्ञान हमारे लिये आवश्यक है।
मीडिया प्रभारी महेन्द्र कांठेड़ एवं नितिन बुडावनवाला ने बताया कि तप चक्रेश्वरी महासति पूजय सौम्याश्रीजी म.सा. के 19 उपवास की तपस्या चल रही है। तेले में पहला उपवास श्रद्धा संघवी के प्रश्न मंच की प्रभावना मुन्नी बहन सुभाषजी छोरिया ने वितरीत की। जाप के लाभार्थी प्रेमचन्दजी मुरडिया, जितेश सागरमल भण्डारी एवं राजेन्द्र गोखरू ने लाभ लिया। बाहर से पधारे गुरूभक्तो के अतिथि सत्कार की व्यवस्था राजेश कुमार मोहनलाल दलाल ने की। संचालन अरविन्द नाहर ने किया एवं आभार चातुर्मास अध्यक्ष सतीश जैन सांवेरवाला ने माना। श्रीसंघ अध्यक्ष प्रकाशचन्द्रजी जैन लुणावत ने अधिकतम धर्मलाभ की अपील की गई।
दिनांक 20/09/2022
मीडिया प्रभारी
महेन्द्र कांठेड
नितिन बुडावनवाला