चेन्नई. चन्द्रप्रभु जैन नया मंदिर ट्रस्ट द्वारा संचालित चन्द्रप्रभु जैन नया मंदिर की 25वीं वर्षगांठ रजत जयंती को अष्ठान्हिका महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है।
11 फरवरी से शुरू हुए इस महोत्सव में आचार्य विजय तीर्थभद्रसूरीश्वर, विजय जगच्चन्द्रसूरीश्वर, विजय अभयचंद्रसूरीश्वर, हीरचंद्रसूरीश्वर, विजय नयनचंद्रसागरसूरीश्वर और गुणहंसविजय सहित लगभग 200 से अधिक श्रमण श्रमणी सान्निध्य प्रदान कर रहे हैं।
समारोह के दौरान दैनिक आधार पर प्रवचन, पूजा, नवकारसी, आंगी रोशनी, प्रभु भक्ति और रंगोली सहित अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। भक्ति और रंगोली के लिए देश भर के प्रसिद्ध कलाकारों को बुलाया गया है।
चन्द्रप्रभु जैन नया मंदिर ट्रस्ट के सचिव कीरीट पी. जैन ने बताया कि 16 को परमात्मा का वरघोड़ा और 17 को ध्वजारोहण के साथ समारोह का समापन किया जाएगा। रजत जयंती के उपलक्ष्य में साहुकारपेट को पूरी तरह से सजा दिया गया है।
प्रतिदिन श्रद्धालुगण उपस्थित होकर भक्ति और रंगोली का आनंद ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि आचार्य विजय कलापूर्णसूरीश्वर ने चन्द्रप्रभ स्वामी जिनालय की प्रतिष्ठा की थी। रजत जयंती में महानगर के सभी सेवा भावी मंडल शासन को समर्पित अपनी सेवा दे रहे हैं।