अरसीकेरे (कर्नाटक): श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के तत्वधान में कर्नाटक गजकेसरी गणेशलाल जी म.सा कि 61 वी पुण्य स्मृति तीन दिवसीय कार्यक्रम राष्ट्रसंत नरेशमुनि म.सा, कोटा संघ प्रमुख श्रुतमुनिजी म.सा एवं महासती मणिप्रभाजी म.सा आदि ठाणा के सानिध्य में तप – जप द्वारा मनाया गया।
पूज्य गुरुदेव नरेश मुनि जी ने फरमाया की गुरु गणेश के जैसे साधक मिलना मुश्किल है, ओ एक सरलता एवं सजगता की मूर्ति थे। उनके गुणों को अपने जीवन में उतारकर,अपने जीवन को सार्थक बनाएं।
पूज्य गुरुदेव श्री श्रुतमुनि जी ने फरमाया कि पूज्य गुरुदेव के चरणों से स्पर्श यहां भूमि में 61 वी पुण्य स्मृति मनाना हमारा परम सौभाग्य है क्योंकि जब पूज्य गुरुदेव का यहां चातुर्मास हुआ था तब अनेक चमत्कारी घटनाएं हुई है पूज्य गुरुदेव के चातुर्मास में गुरुदेव द्वारा स्पर्षित पाटा आज भी यह संघवालों ने संभाल कर रखा है, ऐसे पवित्र भूमि में आकर हम भी अपने जीवन को धन्य बनाएं।
महासती मणिप्रभाजी ने गुरुदेव की जीवन के चरित्र के बारे में प्रकाश डाला एवं गुरु चरणों में गीतिका प्रस्तुत की!अरसिकेरे ,बणावार, बैंगलोर, चित्रदुर्गा आदि संघ वालों ने गुरुदेव के चरणों में होली चातुर्मास की विनंती की। पूज्य गुरुदेव नरेशमुनिजी ने सभी की विनंती को ध्यान में रखते हुए आगामी होली चातुर्मास चित्रदुर्गा संघ को प्रदान किया।
कार्यक्रम के पूर्व गुरु गणेश पुष्कर दरबार का उद्घाटन हुआ जिसके लाभार्थी श्रीमती रतनीबाई गौतमचंदजी मेहता परिवार ने लाभ लिया। कार्यक्रम में चेन्नई, बैंगलोर, कोलार, मैसूर, पांडवपूरा, शिमोगा, भद्रावती, मुंबई, कड़ुर, तिप्तुर, दोडबलापुर, चित्रदुर्गा, बनावर आदि क्षेत्र से दर्शनार्थी पधारे।
कार्यक्रम का संचालन संघ के पूर्व अध्यक्ष महावीर चंद बोहरा ने किया। जैन युवा कांफ्रेंस के राज्य उपाध्यक्ष चेतन भलगट ने सभी चरित्र आत्माओं एवं अतिथियों का आभार व्यक्त किया। संघ के अध्यक्ष जयंतीलाल पालगोता,मंत्री चेतन बोहरा,युवा अध्यक्ष पुनीत गुगलिया,आनंदजी गुगलिय एवं अनेक संघ के पदाधिकारी उपस्थित रहे।