सेवाभावी, अनुशासन प्रिय श्रीमती चंचलबाई श्री श्रीमाल का अम्रुत महोत्सवी वर्ष में पदार्पण! पुना – कल एक पारिवारिक समारोह मे मात्रुतुल्य सेवाभावी, संस्कारोकी जननी, अनुशासन प्रिय श्रीमती चंचलबाई हस्तीमलजी श्रीश्रीमाल-ओसवाल जी को पुत्री वास्तुविशारद श्रीमती राजश्री जी खिंवसरा लिखित सन्मान पत्र देकर गौरन्वित किया गया! ज्येष्ठ समाजसेवी सुभाष जी ललवाणी, प्रसिध्द उद्योजक एवं गुरुभक्त सुनील जी नहार इनके करकमलो द्वारा सन्मानपत्र प्रदान किया गया! साथ मे उद्योजक सुभाषजी कर्नावट, समाजसेवी रामलालजी शिंगवी एवं सार्थक श्रीश्रीमाल!
अल्पायु मे स्व. हस्तीमलजी का देहांत होने से अपने तीन अपत्य कन्या राजश्री पुत्र निलेश, महेश को पालपोस सुसंस्कारो की सीख दी एवं “ सचोटी- कसौटी- हातोटी” इन त्री सूत्री से आगे बढ़ने का कानमंत्र दिया और आज उस कष्टार्जित जीवन का फल स्वरूप तीनो भाई बहन यशस्वी उद्योजक बने! निलेश महेश कन्स्ट्रक्शन्स, इन्फ़्रास्ट्रक्चर, लिजिंग, एवं इंडस्ट्रियल सप्लाय क्षेत्रो मे “ बालाजी “ उद्योग समुह से जानने लगे एवं पुत्री श्रीमती राजश्री खिंवसरा वास्तु विशारद रुपसे उभर आयी और आज कार्पोरेट जगत मे वास्तुविशारद रुपसे प्रसिध्द हुई! ऐसे इस परिवारके अगले पीढ़ी के सुत्रधार बने श्रीमती चंचलबाई श्रीश्रीमाल के पोते और दोहिते श्रेणिक शुभम सार्थक, निरंजन एवं अभिषेक और अच्छी ग्रुहिणी पौत्री सम्रुध्दी और इन संस्कारो के बीज को पल्लवीत करनेका काम किया मनिषा एवं प्रतीक्षा इन बहुओंने! साथमे पौत्र वधु मासुम, श्रेयांका, भाग्यंश्री एवं संजना ने! ऐसे इस मात्रुशक्ति को नमन !