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घर का भेद बताना अशान्ति की शुरूवात करना: महासति पूज्य दिव्यज्योतिजी म.सा.

घर का भेद बताना अशान्ति की शुरूवात करना: महासति पूज्य दिव्यज्योतिजी म.सा.

नागदा जं. निप्र– महावीर भवन में महासति पूज्य दिव्यज्योतिजी म.सा. ने कहा कि हमारे जीवन में घर, परिवार, रिश्तेदार, समाज, मोहल्ला एवं मिलने वालो से हमारे आत्मीय संबंध रहते है लेकिन यह जरूरी नही कि उपरोक्त सभी आपको चाहते है अपवाद हर जगह मिलते है आपके बोलचाल से कई बार जानते अजानते कुछ ऐसी बातो को जो कहना नही चाहिये बहने में आ जाती है यहि से हमारे दुःखो का प्रारम्भ होकर घर में अशान्ति का योग प्रारम्भ हो जाता है। इसीलिये हमको हर शब्द सोच समझ कर तौल मोल के बोल का ध्यान रखना चाहिये। महासति पूजय नाव्याश्रीजी ने कहा कि परमात्मा अनंत ज्ञान का सूर्य है जो भक्त भटक जाते है अज्ञानी और पथभ्रष्ट होकर सन्मार्ग को भुल जाते है ऐसे विकट समय पर तिर्थंकर ही सन्मार्ग का ज्ञान कराते है।

 मीडिया प्रभारी महेन्द्र कांठेड एवं नीतिन बुडावनवाला ने बताया कि तपस्वि पूज्य महासतिजी सौम्याश्रीजी के 13 उपवास की तपस्या चल रही है तेले की लडी चांदनी पोरवाल जाप की प्रभावना अलकादेवी राजेन्द्रजी गोखरू द्वारा वितरीत की गई। अतिथि सत्कार का लाभ प्रकाशजी मोगरा एवं श्रेणीकजी सौरभजी सचीनजी बम ने लिया। आभार श्रीसंघ अध्यक्ष प्रकाशचन्द्र जैन लुणावत एवं चातुर्मास अध्यक्ष सतीश जैन सांवेरवाला ने माना।

दिनांक 14/09/2022

 मीडिया प्रभारी

    महेन्द्र कांठेड

  नितिन बुडावनवाला

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