आगमज्ञाता प पू श्री सुयोगऋषीजी म सा* का मार्मिक शैली में संघ समाज को चिंतन
फुल बिना खुशबु नही होती और बिना बादल के बरसात नहीं होती ऐसै ही बिना गुरुकृपा से जिंदगी जिंदगी नहीं होती रावण के पास दस शिष थे पर गुरु नहीं थे राम के पास एक ही हम जैसा शिष धा पर उनके पास गुरु था इसलिए जिंदगी में गुरु की आवश्यकता होती है केवल गुरु बनाना नहीं है तो गुरु के प्रति आस्था श्रध्दा भक्ती और निःशंक समर्पिण की आवश्यकता का पावन संदेश आज श्रावक संघ औरंगाबाद द्वारा चातुर्मासिक आराधना के द्वितीय दिवस गुरु पौर्णिमा पर *नवकार साधक परम पूज्य श्री तारकऋषीजी म सा के सुशिष्य आगमज्ञाता परम पूज्य श्री सुयोगऋषीजी म सा* ने महावीर भवन में धर्मसभा को संबोधित करते हुए दिया
पूज्यश्रीजी ने कहां की गुरु से प्रश्न करे पर गुरु पर कभी प्रश्न मत करना यह सुत्र जिंदगी भर याद रखना आज आप इस धर्म सभा में बैढै हो वह केवल और केवल गुरुकृपा से आए हो इसलिए गुरु के प्रति कृतज्ञता भाव रखो क्योकी सब के पास एक जैसा समय है 24 घ़टे पर जिसने गुरुकृपा से ही आप देव गुरु धर्म की सेवा कर सकते हो ऐसा पावन संदेश पूज्यश्रीजी ने दिया
उसके पुर्व *मधुर गायक प पू श्री शिवेद्रऋषी म सा नै गुरुभक्ती का भजन फरमाया महासती साध्वी उदयप्रभाजी म सा* ने गुरु धारणा एक ही रखकर समर्पित श्रध्दाभक्ती का संदेश दिया
सौ चेतना सुराणा, सौ कविता संकलेचा , कु पायल दूगड,महावीर गादीया इन्होने अपने विचार रखे
🏳️🌈 *उपप्रवर्तनी जैन दिवाकरीय महासती *परम पूज्य श्री चंद्रकलाश्रीजी म सा* की और से *परम पूज्य श्री तारकऋषिजी म सा परम पूज्य श्री सुयोगऋषीजी म सा* को आदर की चादर गुरुपौर्णिमा पर भेट आयी वह श्रावक संघ पदाधिकारी मंडल ने गुरुदेव को समर्पित की
*श्रावक संघ की और से प्रभावना वितरीत की गयी*
श्री श्रावक संघ पदाधिकारी मंडल, चातुर्मास समिती, महिला मंडल चातुर्मासिक सफलता हेतु सेवारत है
*श्री वर्धमान श्वेताबंर स्थानकवासी जैन श्रावक संघ संभाजीनगर -औरंगाबाद*
संकलन
✍🏼 प्रकाश कोचेटा
नवकारज्ञ मिडिया