राष्ट्र संत उत्तर भारतीय प्रवर्तक अनंत उपकारी दादा गुरुदेव भण्डारी श्री पदम चन्द्र जी म. सा. की पावन जन्म जयंती 22 – 23 एवं 24 अक्टूबर को त्रिदिवसीय धार्मिक एवं जन कल्याणकारी कार्यक्रमों के द्वारा गुरु गणेश मिश्री पावन स्मृति धाम के प्रांगण में सुल्लूरपेठ में मनाई जा रही है ।
इस कार्यक्रम को स्पष्टवक्ता पू. श्री कांति मुनि जी म. एवं श्रमण संघीय उप प्रवर्तक पू. श्री पंकज मुनि जी म. सा. आदि ठाणा 5 का पावन सान्निध्य प्राप्त होगा।
दक्षिण सूर्य ओजस्वी वक्ता डॉ. श्री वरुण मुनि जी म. सा. पूज्य दादा गुरुदेव के महिमा एवं गरिमा मंडित जीवन पर अपने प्रवचन के माध्यम से प्रकाश डालेंगे।
उपरोक्त जानकारी देते हुए मुनि रत्न श्री रूपेश मुनि जी म. ने बताया कि 22 अक्टूबर को प्रात: 9 से 10 बजे तक गुणगान सभा एवं सामायिक दिवस का भव्य आयोजन किया जायेगा। जिसमें अधिक से अधिक संख्या में भाई- बहनें सामायिक की आराधना करके पूज्य दादा गुरुदेव को अपने श्रध्दापुष्प अर्पित करेंगे।
विद्याभिलाषी लोकेश मुनि जी म. ने बताया कि 23 अक्तूबर को एकासन दिवस यानि तप दिवस रहेगा जिसमें किसी भी उम्र के भाई, बहनें, बच्चे, युवा, वृध्द एकासन तप की आराधना बड़े ही भक्ति भाव से करेंगे।
24 अक्टूबर को सुल्लूरपेठ सकल श्रीसंघ द्वारा एवं गुरु भक्तों के सहयोग से लगभग12 सौ लोगों के लिए अन्न महाप्रसादम् का आयोजन किया जायेगा । यह अन्न प्रसादम् तीन- चार स्थनों पर आयोजित होगा l गुरु गणेश गौशाला, जैन स्थानक, बस स्टैंड एवं अन्य स्थानों पर रोकेट विहार ग्रुप एवं महिला मंडल के पदाधिकारी व सदस्यगण अपनी सेवाएं अर्पित करेंगे।
इस अवसर पर गुरु गणेश गौशाला में गौ माता की सेवा करने वाले सेवाकर्मी भाई – बहनों को श्रीमान सा कमलेश कुमार जी नाहर सुल्लूरपेठ निवासी एवं श्रीमान सा चन्द्र प्रकाश जी चैन्नई निवासी की ओर से वस्त्र दान भी किया जायेगा। गौशाला के मैनेजिंग ट्रस्टी श्रीमान् सा किशन लाल जी खाबिया ने बताया कि पूज्य गुरुदेव भण्डारी श्री पदम चन्द्र जी म सा. का जीवन लोक मंगल एवं लोक कल्याण के लिए सदैव समर्पित रहा। उनकी प्रेरणाओं से दिल्ली, हरियाणा, पंजाब व संपूर्ण उत्तर भारत में अनेक स्थानों पर स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल, धर्म स्थानों की व जन कल्याणकारी संस्थाओं की स्थापना हुई, जो आज भी मानवता की सेवा कर रही हैं।
ऐसे महापुरुष की जन्म जयंती पर श्रध्दालु भाई बहनों से अपील है कि आप अधिक से अधिक संख्या में पधार कर गुरु भक्ति का परिचय दें एवं गुरु गुणगान श्रवण कर अपने जीवन को धन्य बनाएं।