राष्ट्र संत, उत्तर भारतीय प्रवर्तक, अनंत उपकारी दादा गुरुदेव भण्डारी श्री पदम चंद्र जी म. सा. के पौत्र सुशिष्य एवं श्रुताचार्य वाणी भूषण साहित्य सम्राट आराध्य गुरुदेव श्री अमर मुनि जी म. सा. के सुशिष्य तथा ध्यान योग प्रणेता, युगप्रधानाचार्य सम्राट प. पू. श्री शिव मुनि जी म. सा. के आज्ञानुवर्ति सेवा सुमेरू, उत्तर भारत गौरव, उप प्रवर्तक, परम पूज्य श्री पंकज मुनि जी म. सा., दक्षिण सूर्य मनोहर व्याख्यानी, परम पूज्य गुरुदेव डॉ. श्री वरुण मुनि जी म. सा. ‘अमर शिष्य’ आदि ठाणा 5 का वर्ष 2023 का चातुर्मास श्री गुरू गणेश गौशाला ट्रस्ट, सुलूरपेट के अध्यक्ष समाज रत्न दानवीर भामाशाह परम गुरु भक्त श्रीमान् सा कृष्ण चंद जी खाबिया की पुरजोर विनति पर गौशाला के प्रांगण में होने जा रहा है।
उपरोक्त जानकारी देते हुए मधुर वक्ता श्री रूपेश मुनि जी म. सा. ‘रजत’ ने बताया इससे पूर्व ओटेरी कोसापेट एवं साहूकारपेट श्रीसंघ के तत्वावधान में पूज्य गुरू भगवंतों के दिव्य भव्य एतिहासिक दो चातुर्मास चैन्नई महानगर में जप -तप – धर्म आराधना -साधना के द्वारा सानंद संपन्न हो चुके हैं।
विद्याभिलाषि श्री लोकेश मुनि जी म. सा. ने बताया इस वर्ष पूज्य गुरुदेव की भावना थी – पूना महाराष्ट्र की ओर जाने की । लेकिन कहावत है – भक्तों के वश में हैं भगवान। जब भक्त पुकारते हैं तो भगवान को भी आना होता है।
चैन्नई के गुरु भक्तों की प्रबल भक्ति भावना को देखते हुए पूज्य गुरू भगवंत का पुन: मानस बना और वे चातुर्मास हेतु उग्र विहार करके पुन: चैन्नई पधार रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि श्री गुरू गणेश गौशाला के प्रांगण में जैन दिवाकर परम पूज्य श्री चौथमल जी म. सा. की उज्ज्वल शिष्य परंपरा से उपाध्याय भगवन् परम पूज्य श्री कस्तूर चंद जी म. सा. के सुशिष्य दीर्घ संयमी, क्रियानिष्ठ, परम पूज्य श्री कान्ति मुनि जी म. सा. भी विराजमान हैं।
लगभग पॉंच महीने तक पूज्य गुरू भगवंतों का यहाँ पर प्रवास रहेगा, जप-तप, धर्म – ध्यान की, जिनवाणी की पावन गंगा प्रवाहित होगी।गौशाला के अध्यक्ष महोदय श्रीमान् सा. कृष्ण चंद जी खाबिया एवं तमिलनाड जैन कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष महोदय श्रीमान् सा गौतम चंद जी कटारिया व युवा रत्न श्री अभय जी कोठारी जब पूज्य गुरू भगवंत के पावन सान्निध्य में पहुंचे और उन्होंने भावभरी अपनी विनति रखी, तो गुरुदेवश्री ने सहज ही अपनी स्वीकृति प्रदान की। उन्होंने फरमाया आप गौ माता की जो सेवा कर रहे हैं , वह सच में सराहनीय कार्य है।
प्रभु महावीर के अहिंसा, करूणा, मैत्री, अनुकंपा के भाव को आप न केवल अपने जीवन में अपितु अपने परिवार और समाज में भी साकार कर रहे हैं। भगवान महावीर का संदेश जीओ और जीने दो की इस भावना को आप चरितार्थ कर रहे हैं और आपकी इसी सेवा भावना से प्रेरित और प्रभावित होकर पूज्य गुरु भगवंतों ने अपने चातुर्मास हेतु स्वीकृति प्रदान की है।
पूज्य गुरू भगवंतों के चातुर्मास के समाचार पाकर सुलूरपेट श्रीसंघ के समस्त श्रावक – श्राविकाएं तो प्रसन्न हैं ही, साथ ही पूरे चैन्नई निवासी भी हार्दिक प्रसन्नता अनुभव कर कर रहे हैं। हम शासनेश प्रभु महावीर से यही प्रार्थना करते हैं पूज्य गुरू भगवंत का ये चातुर्मास दिव्य- भव्य बने और वे स्वाध्याय- साधना जिनवाणी की गंगा प्रवाहित करते हुए जिनशासन की महत्ती प्रभावना करें ।