गुरू पदम अमर कुल भूषण सैवा सूमेरू उप प्रवर्तक श्री पंकज मुनि जी म. सा. के परम पावन सान्निध्य में ओजस्वी प्रवचनकार दक्षिण सूर्य डॉ. श्री वरूण मुनि जी म. सा. अमर शिष्य की सद्प्रेरणा से श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ, आरकोणम के तत्वावधान में गुरू अमर पुण्य तिथि महोत्सव का भव्य आयोजन 12 व 13 फरवरी को दो दिवसीय कार्यक्रम के रूप में आयोजित किया जा रहा है।
उपरोक्त जानकारी देते हुए श्रीसंघ के पदाधिकारियों ने बताया कि पूज्य उप प्रवर्तक श्री पंकज मुनि जी म. सा. आदि संतवृंदों का प्रथम बार हमारी धर्म नगरी आरकोणम में चैन्नई का भव्य ऐतिहासिक चातुर्मास संपन्न कर यहां पदार्पण हुआ हैl हमरा संघ सौभाग्यशाली है कि हमें ऐसे महापुरुषों की पावन निश्रा में श्रुताचार्य साहित्य सम्राट वाणी के जादूगर पूज्य गुरुदेव श्री अमर मुनि जी म. सा. की पावन पुण्य तिथि के अवसर पर ये विशेष आयोजन का सुअवसर प्राप्त हुआ है।
ओजस्वी वक्ता डॉ. श्री वरूण मुनि जी म. सा. ने फरमाया कि आराध्य गुरुदेव वाणी भूषण पूज्य प्रवर्तक श्री अमर मुनि जी म. सा. जिनका जन्म क्षत्रिय परिवार में हुआ थाl माता – पिता से भक्ति के सद्संस्कार मिले, आचार्य सम्राट श्री आत्माराम जी म. सा. एवं राष्ट्र संत नवयुग सुधारक पूज्य दादा गुरुदेव भण्डारी श्री पदम चंद्र जी म. सा. की पावन चरण शरण में आकर उनके जीवन में एक अद्भुत धर्म क्रांति घटित हुईl पूज्य गुरुदेव श्री अमर मुनि जी महाराज भले ही वेष से जैन संत थे लेकिन वे अपने व्यक्तित्त्व और कृतित्त्व से, धर्म और कर्म से वाणी और विचार से जन – जन के संत थेl अपने प्रवचनों के माध्यम से लाखों लोगों को उन्होंने व्यसन मुक्त जीवन जीने का संदेश प्रदान कियाl उनकी सद्प्रेरणाओं से 108 मुमुक्षु युवक युवतियों ने संन्यास धर्म को अंगीकार किया जो आज महान् संत साध्वियों के रूप में भारतभर में जिनशासन की महान् प्रभावना कर रहे हैंl पूज्य गुरुदेव की प्रेरणाओं में ऐसा जादू भरा था लगभग दिल्ली- हरियाणा- पंजाब- संपूर्ण उत्तर भारत में सैंकड़ों संस्थाएँ स्कूल कॉलेज हॉस्पिटल धर्म स्थानों के रूप में आज भी मानवता की सेवा कर रहे हैं।
मधुर वक्ता मुनि रतन श्री रूपेश मुनि जी म. सा. ने बताया कि पूज्य गुरुदेव श्री अमर मुनि जी म. सा. ने अपने आराध्य गुरुदेव उत्तर भारतीय प्रवर्तक भण्डारी श्री पदम चंद्र जी म. सा. के शुभ आशीर्वाद से भगवान महावीर की मूल वाणी 32 जैन आगमों का प्राकृत हिंदी इंग्लिश भाषा में पूरे विश्व में प्रथम बार सचित्र प्रकाशन करवाया । ऐसे महान् गुरुदेवों की अनंत कृपा के लिए केवल जैन समाज ही नहीं बल्कि संपूर्ण मानव जाति सदा – सदा ऋणि रहेगी। बड़े – बड़े संत महापुरुषों श्रीसंघों व राजनेताओं ने पूज्य गुरुदेव को श्रुताचार्य साहित्य सम्राट, वाणी के जादूगरप, श्रुतवारिधि, सरस्वती पुत्र, आगम दिवाकर जैसे अनेक अलंकरणों से अलंकृत किया।
विद्याभिलाषी श्री लोकेश मुनि जी म. सा. ने बताया कि 12 तारीख को जैन स्थानक आरकोणम श्रीसंघ के प्रांगण में पूज्य गुरुदेव की पुण्य तिथि के उपलक्ष्य में प्रात:9 से 10 बजे तक गुणगान सभा का आयोजन होगा जिसमें पूज्य गुरू भगवन्तों के जीवनवृत् पर भजन व प्रवचन के माध्यम से प्रकाश डाला जाएगा । इसी के साथ सामायिक दिवस की भी भव्य आराधना होगी। श्रीसंघ की ओर से अन्न प्रसादम् का भी भव्य आयोजन किया जा रहा है।
गौरतलब है कि 13 फरवरी को प्रात: 6 बजे नवकार महामंत्र का अखण्ड जाप 24 घण्टे के लिए पूज्य गुरुदेव की पावन स्मृति में प्रारंभ होगा जिसका समापन 14 फरवरी को प्रात: 6 बजे होगा । दिन में बहनें और रात्री में भाई बड़ी श्रद्धा के साथ नवकार महामंत्र का सस्वर जाप करेंगे।
आरकोणम श्रीसंघ के समस्त पदाधिकारी एवं सदस्यगणों ने सकल श्रीसंघ से आह्वान किया है कि पंजाब से लगभग 9 हजार किलोमीटर की पद यात्रा कर पूज्य गुरू भगवन्त प्रथम बार हमारी इस धर्म नगरी में पधारे हैं तो 12 और 13 फरवरी को आप सभी सकल श्रीसंघ अधिक से अधिक संख्या में जैन स्थानक के प्रांगण में पधारें और सामायिक एवं जाप के द्वारा पूज्य गुरू भगवन्त को अपनी सुमनांजली अर्पित करने का प्रयास करें ।
इस अवसर पर साहुकारपेट, ओटेरी – कोसापेट विलिवाकम एम. एम. डी. ए. कॉलोनी चैन्नई आवडी अम्बत्तूर पटाभिराम तिरूवल्लर आदि क्षेत्रों से भी श्रध्दालुजनों के पधारने की संभावना व्यक्त की जा रही है।