चेन्नई. अयनावरम स्थित जैन दादावाड़ी में साध्वी कुमुदलता के सान्निध्य में जारी वर्षावास पूर्णता की ओर है। गुरु दिवाकर कमला वर्षावास समिति के तत्वावधान में गुरु हुक्मीचन्द का अनुष्ठान श्रद्धा भक्ति के साथ हुआ। इस मौके पर साध्वी ने उनके जीवन चरित्र पर विस्तार से प्रकाश डाला।
साध्वी ने कहा, नाथद्वारा स्थानक में गुरु हुक्मीचन्द के प्रवचनों के दौरान सोने के सिक्कों की बरसात हुई। आचार्य हुक्मीचन्द रोज दो हजार नमोत्थुंण की साधना करते थे। उन्होंने अपने दीक्षा पर्याय में कभी मीठे का स्वाद नहीं चखा।
गुरु चौथमल रचित हुक्मीचन्द के छंदों का अनुष्ठान कर रिद्धि-सिद्धि के लिए गुरु भक्तों ने अनुष्ठान का लाभ लेकर कर्म निर्जरा की। धर्मसभा में आयंबिल ओली की आराधना के समापन पर तपस्वियों को सम्मानित किया गया।
शुक्रवार को मां पद्मावती का एकासन एवं तप-जप विधि के साथ महावीर गाथा का आयोजन रखा गया है। इसके साथ ही घंटाकर्ण अनुष्ठान की तैयारियां भी चल रही है। अनुष्ठान में भाग लेने के लिए दादावाड़ी मेें कूपन नि:शुल्क दिए जा रहे हैं।