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गुरु पात्र अपात्र देखकर ही आगम वाचना देते हैं: साध्वीश्री प्रतिभाश्री जी

गुरु पात्र अपात्र देखकर ही आगम वाचना देते हैं: साध्वीश्री प्रतिभाश्री जी

विजयनगर स्थानक भवन में विराजित साध्वीश्री प्रतिभाश्री जी ने भगवान महावीर स्वामी की अन्तिम देशना के तहत वाचना का विवेचन करते हुऐ बताया कि, आगमों को पढ़ने को वाचना कहते हैं जो गुरुओं की आज्ञा बिना नहीं पढ़ा जाता है। गुरु पात्र अपात्र देखकर ही आगम वाचना देते हैं।योग्यतावान श्रावक ही वाचना ले सकते है जिसके लिए विनयवान, सरलभाव व क्रोध रहित होना जरूरी है, उदाहरण देते हुए बताया कि जिस तरह यदि कच्चे घड़े में पानी भर दिया जाये तो घड़ा फुट जाता है व पानी भी व्यर्थ चला जाता है।नवतत्व के बारे में बताते हुए कहा कि जिसे नवतत्व का ज्ञान हो उसका सुश्रावक के रूप में मूल्यांकन किया जस सकता है।वही श्रावक वाचना लायक भी होता है।

साध्वीश्री ने कहा कि ज्ञानशाला के बच्चों द्ववारा नवतत्व के ऊपर प्रोजेक्ट तैयार कर प्रदर्शनी लगायी गयी।इस सचित्र प्रदर्शनी को देखकर व्यक्ति जीवन मे बहुत जल्दी सिखकर बदलाव ला सकता है। साध्वीश्री प्रेक्षाश्रीजी ने अट्ठारह पापों में रति-अरती का वर्णन करते हुए कहा कि रति अरती राग द्वेष का ही रूप है जो जीवात्मा को संसार मे पकड़ कर रखती हैं। संयम मार्ग पर चलने के लिए रति अरती दोनों ही नही होना चाहिए। संघ के मंत्री कन्हैया लाल सुराणा ने बताया कि बच्चों द्ववारा आयोजित नवतत्व की प्रदर्शनी को बहुत लोगों द्ववारा देखा जा रहा है। आज तीसरे दिन दर्शकों को कतार में खड़ा रहना पड़ा।तथा कई दर्शकों ने बच्चों की प्रस्तुति को देखकर नगद प्रोत्साहन राशि की घोषणाएं की।

आज संघ के पूर्व अध्यक्ष वसंतराज रांका,पुखराज मेहता, घेवरचंद कटारिया,वरिष्ठ श्रावक हुक्मीचंद लुंकड़,मनमोहन सुराणा,दिनेश पोरवाड़, नेमीचंद दलाल,महावीर मुणोत व सुनिल लोढ़ा इत्यादी ने ग्रुप में प्रदर्शनी का अवलोकन किया।तथा बच्चों को प्रोत्साहन हेतु नगद राशि प्रदान की।आज राजाजिनगर से त्रिशला महिला मंडल ने आगामी महिला अधिवेशन हेतु विनती की।प्रेमचंद मुणोत के.जी.एफ ,अनुराधा जी छाजेड़ मुम्बई व चेन्नई महिला पुर संघ के पदाधिकारियों के एक प्रतिनिधि मंडल ने दर्शन लाभ लिया।सभी का संघ के मंत्री ने हार्दिक स्वागत एवं अभीनन्दन किया।

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