साध्वी अणिमाश्रीजी का तमिलनाडु की सीमा पर हुआ भव्य स्वागत
शांतिदूत आचार्य श्री महाश्रमणजी के निर्देशानुसार चेन्नई चातुर्मास के लिए कर्नाटक से चेन्नई की ओर विहाररत साध्वी श्री अणिमाश्रीजी का आज शुक्रवार को होसुर, तमिलनाडु की सीमा में प्रवेश हुआ। सैकड़ों भाई बहनों के साथ चेन्नई व होसुर वासियों ने साध्वी वृंद का तमिलनाडु की सीमा पर भव्य स्वागत किया तथा बेंगलुरु वासियों ने कर्नाटक की सीमा पर नम आंखों से विदाई दी। सीमा पर स्वागत व विदाई का भावपूर्ण कार्यक्रम देखकर हर श्रोता भावविभोर हो गया।
कृतज्ञता व अभिवंदना समारोह में साध्वी श्री अणिमाश्री जी ने हॄदय को छू लेने वाले भावपूर्ण प्रवचन में कहा- तेरापंथ धर्म संघ एक गुरु की आज्ञा में चलने वाला विशिष्ट धर्मसंघ हैं। जिनशासन के गगन में तेरापंथ धर्मसंघ ध्रुव तारे की तरह चमक रहा हैं। उसका मुख्य कारण है तेरापंथ की मर्यादा, अनुशासन व एक गुरु का नेतृत्व। हम सौभाग्यशाली हैं हमें इस कलिकाल में तीर्थंकर तुल्य गुरुदेव आचार्य श्री महाश्रमणजी का नेतृत्व प्राप्त हुआ हैं। गुरु की नजर में दौलत का भंडार है, जिस पर गुरु की नजर टिकी है वह निहाल हो जाता है,मालामाल हो जाता है।
अपेक्षा है गुरु के हर इंगित की आराधना हमारा परम लक्ष्य बने। तेरापंथ की एकता अपने आप में विलक्षण है या यूं कहें सृष्टि का सातवां आश्चर्य है।
साध्वीश्री ने आगे कहा कि एकत्व का धागा प्रगाढ़ हो। मोती धागे में पिरो जाने के बाद ही माला बनकर गले की शोभा बनता है, बिखरे मोतियों का बहुत अधिक मूल्य नहीं। वैसे ही जो व्यक्ति संघ एवं संघपति की दृष्टि रूपी धागे में अनुबंधित हो जाता है, वह हर आंख के लिए शोभनीय व सौम्य बन जाता है। हम भी गण माला के मोती बनकर गण की शोभा को बढ़ाने का यत्न करें।
साध्वी श्री ने बेंगलुरु श्रावक समाज के लिए कहा बेंगलुरु का श्रावक समाज श्रद्धाशील एवं साताकारी हैं। सभी अपने दायित्व का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं, आगे भी सवाये काम करते रहे।
साध्वी श्री ने उग्रविहारी, तपोमूर्ति मुनि श्री कमलकुमारजी स्वामी, प्रबुद्ध युवा संत मुनि सुधाकरजी, शासनश्री साध्वी कंचनप्रभाजी, शासनश्री साध्वी श्री मंजूरेखाजी, साध्वी लावण्याश्रीजी, साध्वी उज्जवलप्रभाजी एवं साध्वी मंगलप्रज्ञाजी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की।
साध्वीश्री जी ने कहा कि मंगलप्रज्ञाजी और हम एक दशक तक साथ रहे। अब वो मैसूर की और विहारत हैं, हम चेन्नई की ओर। साध्वी मंगलप्रज्ञाजी ख्यातनामा व प्रबुद्ध साध्वी है। उनकी विहार यात्रा मंगलमय हो। बैगलोर सभा के सहमंत्री श्री राजेंद्र बैद ने ‘शासनश्री’ साध्वी कंचनप्रभाजी व शासनश्री साध्वी मंजूरेखाजी के संदेश का वाचन किया। सभा मंत्री श्री नवनीत मुथा ने साध्वी श्री मंगलप्रज्ञाजी के ऑडियो संदेश व गीत का प्रसारण किया।
साध्वी कर्णिकाश्रीजी, साध्वी सुधाप्रभाजी, साध्वी समत्वयशाजी, साध्वी श्री मैत्रीप्रभाजी ने तमिलनाडु की सीमा पर एवं स्वागत कार्यक्रम में सरस व भावपूर्ण गीत का संगान किया।
स्वागत अभिनंदन कार्यक्रम में तेरापंथ सभा चेन्नई अध्यक्ष श्री विमल चिपड ने पूज्य प्रवर के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए संपूर्ण तेरापंथ समाज की ओर से तमिलनाडु की पावन धरा पर साध्वीश्रीजी का स्वागत-अभिनंदन कर विहार एवं स्वास्थ्य के प्रति मंगल कामना व्यक्त की।
इस अवसर पर बेंगलुरु सभा अध्यक्ष श्री सुरेश दक, उपाध्यक्ष श्री कैलाश बोराणा, चेन्नई सभा मंत्री श्री प्रवीण बाबेल, वरिष्ठ श्रावक प्यारेलालजी पितलिया, महासभा के सहमंत्री श्री प्रकाश लोढा, अणुव्रत समिति के अध्यक्ष श्री शांतिलालजी पोरवाल, होसुर सभा से श्री राकेश संचेती, टीपीएफ के चीफ ट्रस्टी एम सी बलड़ोता, श्रीमती सरिता गोठी, तेयुप चेन्नई उपाध्यक्ष मुकेश नवलखा, टीपीएफ अध्यक्ष सुरेश सकलेचा, महिला मंडल से अनीता चोपड़ा, होसुर से स्वीटी बाबेल ने श्रद्धा से उद्गार व्यक्त किए। होसुर महिला मंडल ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में चेन्नई सभा निर्वतमान अध्यक्ष श्री धर्मचंद लुंकड़, पूर्व अध्यक्ष श्री घीसुलालजी, श्री प्रकाश मुथा, तन्डियारपेट ट्रस्ट के मुख्य न्यासी श्री इन्द्रचन्दजी डुंगरवाल, अभातेयुप एटीडीसी के राट्रीय सयोजक श्री भरत मरलेचा, तेयुप मंत्री श्री विशाल सुराणा, महिला मंडल अध्यक्षा श्रीमती शांति दुधोड़िया, होसुर से राकेशजी संचेती, पवनजी सेठिया, मंगलचन्दजी आदि अनेकों बंगलूरू, चेन्नई, होसुर के गणमान्य जनो की उपस्थिति रही। चेन्नई सभा द्वारा बैंगलोर सभा का अभिनन्दन किया गया।
कार्यक्रम का कुशल संचालन बंगलौर सभा मंत्री नवनीत मुथा ने एवं आभार ज्ञापन होसुर सभा से विनय सेठिया ने किया।
स्वरुप चन्द दाँती
प्रचार प्रसार प्रभारी
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, चेन्नई