*🌧️विंशत्यधिकम्*
*📚📚📚श्रुतप्रसादम्🌧️*
7️⃣
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गुरु में..
गुरु आज्ञा में,
सेवा में,भक्ति में,
विकल्प करते है
*उनके लिए मोक्ष दुर्लभ है.!*
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जो गुरु की
विराधना अविनय
आशातना करके रिद्धि
सिद्धि की चाहना रखते है
*उनके लिए रिद्धि सिद्धि*
*मृत्युदंड प्राप्त अपराधी को*
मिले अलंकारों के जैसी है.!
*📖श्री गुरुबहुमान कुलक📖*
💫
*तत्त्व चिंतन:*
*समयज्ञ गीतार्थ गुरुदेव*
*सूरि जयन्तसेन कृपापात्र शिष्य*
श्री वैभवरत्नविजयजी महाराजा
🌅🧘♂️🌅
*श्रुतार्थ वर्षावास 2024*
श्री मुनिसुव्रतस्वामी नवग्रह जैन संघ
@ कोंडीतोप, चेन्नई महानगर