Share This Post

Featured News / Featured Slider / Khabar

गुमानचंद्रजी म.सा का 223 वां स्मृति दिवस मनाया गया

गुमानचंद्रजी म.सा का 223 वां स्मृति दिवस मनाया गया

आज कार्तिक कृष्ण अष्ठमी गुरुवार 24 अक्टूबर 2024 को रत्नवंश के प्रथम आचार्य पूज्यश्री गुमानचंद्रजी म.सा का 223 वां स्मृति दिवस श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ तमिलनाडु के तत्वावधान में स्वाध्याय भवन, साहूकारपेट, चेन्नई में जप-तप- त्याग,पूर्वक स्वाध्याय दिवस के रुप मे मनाया गया | सभी श्रदालुओं ने संयम चालीसा की रागपूर्वक स्तुति की |

श्रावक संघ तमिलनाडु के कार्याध्यक्ष आर नरेन्द्रजी कांकरिया ने जोधपुर में अखेराज – चैनाबाई के यहां जन्म लेने वाले गुमानचंद्र का बाल्यकाल व माताश्री के वियोग हो जाने पर मेडता में रत्नवंश परम्परा के मूलपुरुष श्री कुशलचंद्रजी म.सा के पास वैराग्य को प्राप्त करने के पश्चात अपने पिताश्री के संग दीक्षा लेने वाले रत्नवंशीय प्रथम आचार्य गुमानचंद्रजी म.सा के चारित्रमय जीवन परिचय पर प्रकाश किया | वे कुशल पारखी व सुतीक्ष्ण बुद्धि के धनी थे | बाल्य वय में दीक्षित होने के पश्चात व्याकरण,संस्कृत, साहित्य व आगमों का अध्ययन करने वाले आचार्यश्री गुमानचन्द्रजी म.सा ने शुद्ध वीतराग धर्म की परुपणा व प्रचार किया |

वरिष्ठ स्वाध्यायी श्री लीलमचन्दजी बागमार,गौतमचन्दजी मुणोत, कांतिलालजी तातेड़ ने आचार्यश्री की स्तुति की |श्रावक संघ के कार्याध्यक्ष आर नरेन्द्रजी कांकरिया ने रत्नवंशीय प्रथम आचार्यश्री के गुणगाण करते हुए बताया कि आपके बारह शिष्य रत्नों में दौलतरामजी म.सा, प्रेमचंदजी म.सा,लक्ष्मीचंदजी म.सा,ताराचंदजी म.सा दुर्गादासजी म.सा रतनचंद्रजी म.सा आदि थे | आपने अपने चरित्रमय जीवन मे अनेक वर्षों तक एकान्तर उपवास बेले-बेले की तपस्या की | आपने संवत 1814 में राजस्थान के भोपालगढ़ ( बडलू )में चौदह सन्तों के संग चरित्र की विशेष शुद्धि हेतु वस्त्र-पात्र- गोचरी-विहार आदि संबंधित 21 नियम बनाते हुए क्रियोद्वार किया | आपका नाम क्रियोद्वारक के रुप मे चिरकाल के लिए स्थायी हो गया | सम्वत 1858 कार्तिक कृष्ण अष्ठमी के दिन राजस्थान के मेडता नगर में चार प्रहर के संथारे पूर्वक आपका देवलोकगमन हो गया |

वरिष्ठ स्वाध्यायी बन्धुवर आर वीरेन्द्रजी कांकरिया ने दैनिक स्वाध्याय रुप मे महासती लीलाबाईजी म.सा के संवत्सरी पर्व पर फरमाये गये प्रवचन का वांचन व अनुप्रेक्षा की |

 इस प्रसंग पर स्वाध्याय भवन में बसन्तीदेवीजी कर्णावट शशिजी कांकरिया,सोनलजी सुराणा, संगीताजी बाफना,श्री अम्बालालजी कर्णावट, उच्छबराजजी गांग, नवरतनमलजी चोरडिया दीपकजी योगेशजी श्रीश्रीमाल रुपराजजी सेठिया की उपस्थिति प्रमोदजन्य रही | जैन संकल्प,जीवन संकल्प, त्याग-प्रत्याख्यान, सामुहिक नियम व मंगल पाठ के पश्चात तीर्थंकरों, आचार्य भगवन्तो, भावी आचार्यश्री, उपाध्याय भगवन्त,साध्वी प्रमुखा, समस्त चरित्र आत्माओं की जयजयकार के साथ पुण्यतिथि कार्यक्रम सुसम्पन्न हुआ |

 # प्रेषक :श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ,तमिलनाडु 24 /25 बेसिन वाटर वर्क्स स्ट्रीट, साहूकारपेट चेन्नई

Share This Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Skip to toolbar