19 अक्टूबर देवेन्द्रधाम महापुरुषों की जन्मजयंती पर उनके गुणों को आत्म साद करने से जीवन का कल्याण होता है प्रवर्तक सुकन मुनि महाराज ने उपाध्याय पुष्कर मुनि महाराज की 112 वें जन्मोत्सव समारोहों मे जीवन पर प्रकाश डालते हुये कहां कि संत जीवन मे मानव मात्र के कल्याण और परोपकार के लिये धर्म से विमुख हो चुके भाई बहनों को धर्म की राह बताई साधना के शिखर पुरूष पुष्कर मुनि जी महाराज ने ! इसदौरान साध्वी प्रियदर्शना महासाध्वी रत्न ज्योति साध्वी विचलक्षण श्री विदुषी अप्रिता आदि साध्वीयो ने कहाँ कि भौतिक रूप से गुरूदेव पुष्कर कि देह हमारे बिच नहीं परन्तु उनके पद चिन्हों पर चलेगे तभी जन्मजयंती मनाना सार्थक हो पायेगा !
देवेन्द्रधाम चातुर्मास समिति के संयोजक विरेन्द्र डांगी सहयोजंक प्रमोद खाब्या विजयसिंह छाजेड़ प्रकाश झगड़ावत कैलाश सिंघवी सुरेश बड़ाला, महेन्द्र तलेसरा, जैन कॉन्फ्रेंस प्रांतीया अध्यक्ष निर्मल पौखरणा, पूर्व महापौर रजनी डांगी, उद्योगपति मांगीलाल लुणावत, कांतिलाल जैन, ओकरसिंह सिरोया आदि ने पुष्कर गुरू के गुणगान किये। सुनिल चपलोत ने बताया कि जन्मोत्सव समारोहों मे महावीर युवा विहार ग्रुप के पदाधिकारियों व देवेन्द्र महिला मंडल की महिलाओ ने नाटिका के माध्यम से पुष्कर मुनि के जीवन का मंचन किया। साध्वी विचलक्षण श्री द्वारा लिखित पुस्तक जैन धर्म का विमोचन भी किया गया ।
मीडिया प्रवक्ता, सुनिल चपलोत, देवेन्द्र धाम सेलिब्रेशन मॉल, उदयपुर