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ज्ञान वाणी

गरम नहीं, नरम होने का पर्व है पर्युषण – श्री ललितप्रभ

गरम नहीं, नरम होने का पर्व है पर्युषण – श्री ललितप्रभ
संत महोपाध्याय श्री ललितप्रभ सागर महाराज ने कहा कि हमें औरों से शिकायत नहीं अपितु शुक्राना अदा करना चाहिए। हम जिनके साथ रहते हैं अगर हर समय उनके प्रति शिकायत करते रहेंगे तो रिश्तों में तनाव होगा और शुक्राना अदा करने से रिश्तों में मिठास घुल जाएगा। हमें जीवन में कभी भी वैर-विरोध की गांठ नहीं बांधनी चाहिए और कभी बोल-चाल बंद नहीं करनी चाहिए। जैसा पूरा गन्ना रस से भरा होता है, लेकिन उसकी गाँठ में एक बूँद भी रस नहीं होता है, वैसे ही जिस मनुष्य के मन में गाँठें बंधी रहती है, उसका जीवन नीरस हो जाता है।
संत ललितप्रभ बुधवार को कोरा केन्द्र मैदान में पर्युषण पर्व के सातवें दिन श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि व्यक्ति साल भर भले ही गरम रहे पर पर्युषण के दिनों में उसे नरम रहना चाहिए। जो लोग नरम रहते हैं, वे लोग दूसरे के दिलों में भी राज करते हैं, गरम स्वभाव के लोग घर के वालों के दिलों में जगह बनाने में सफल नहीं हो पाते। उन्होंने प्रवचन के अंर्तगत भगवान श्री पाश्र्वनाथ, भगवान श्री नेमिनाथ, भगवान श्री आदिनाथ के जीवन चरित्र का वर्णन किया और भक्ति भरे भजन गाए तो श्रद्धालुगण भक्ति में झूम उठे।
प्रवचन समारोह में प्रर्वतक पन्नालाल जी महाराज की 131 वीं जन्म जयंति मनाई गई। इस अवसर पर राष्ट्र-संत ललितप्रभ ने कहा कि पन्नालाल जी महाराज राजस्थान के महान संतों में एक थे। उन्होंने अंध श्रद्धा और कुरीतियों का विरोध किया और बलि हिंसा को रोकने का भरसक प्रयास किया। आज प्राज्ञसंघ द्वारा सम्पूर्ण देशभर में जो मानव सेवा के महान कार्य सम्पन्न किए जाते हैं, वो पन्नालाल जी महाराज का पुण्य प्रभाव है। इस अवसर पर प्राज्ञ युवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री संपत जी चपलोत ने कहा कि पूरा जैन समाज पन्नालाल जी महाराज के महान अवदान को कभी नहीं भूल सकता।
आज उनके हजारों, लाखों भक्त मानवसेवा और जीवदया के कई कार्य सम्पन्न कर रहे हैं। इस अवसर महाराष्ट्र सरकार के मंत्री अर्जुन खोतकर ने समारोह में उपस्थित होकर राष्ट्र-संतों की वंदना की और उनके चातुर्मास को मुंबई का सौभाग्य बताया। उन्होंने कहा हम शाकाहारी जीवन जीते हैं और रात्रि भोजन का उपयोग नहीं करते। उन्होंने प्रवर्तक पन्नालाल जी महाराज के जन्म जयंती पर वंदना समर्पित की। श्री प्राज्ञ महिला मंडल, मुंबई ने भजन प्रस्तुत दी।
इस अवसर चातुर्मास समिति के संयोजक संपत चपलोत, अध्यक्ष पारस चपलोत, महामंत्री मनोज बनवट, और मंत्री पुखराज जी रांका ने महाराष्ट्र सरकार के मंत्री अर्जुन जी खोतकर का अभिनंदन पत्र देकर सम्मान किया।
अध्यक्ष पारस जी चपलोत ने बताया कि गुरुवार को सुबह 8.45 बजे सम्वत्सरी पर्व पर कल्पसूत्र आगम का विशेष वाचन होगा एवं सायं 4 बजे कोरा केन्द्र मैदान में सकल जैन समाज का सामूहिक प्रतिक्रमण होगा।

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