चेन्नई. साहुकारपेट स्थित जैन भवन में विराजित साध्वी सिद्धिसुधा के सानिध्य में कर्नाटक गज केसरी प पू गणेशलाल के जन्म जयंती के अवसर पर चल रहे पंच दिवसीय कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को ज्ञान पंचमी आराधना एवं स्वाध्याय दिवस मनाया गया।
उन्होंने कहा कि गणेशलाल गुरु की जितनी महिमा गाई जाए उतनी कम है। उनको याद कर उस रास्ते पर चलने की संकल्प लेने वालों के जीवन मे चमत्कार भी हो सकता है। जैसे गुरु ने पुरुषार्थ कर जीवन को महान बनाया वैसे ही मानव भी बना सकता है। उसके लिए मनुष्य को भी दिन रात तपने की जरूरत है।
मानव जाती के उपकार और कल्याण के लिए उन्होंने अपने सम्पूर्ण जीवन को लगा दिया। उनजे उपकार का बदला चुकाना आसान नहीं है। लेकिन उनके रास्ते पर चल कर जीवन बदला जा सकता है। साध्वी समिति ने कहा कि गणेशलाल गुरु ने कोई भी क्षेत्र को नहीं छोड़ा बल्कि हर क्षेत्र में उन्होंने मनुष्य के लिए उपकार के कार्य किये।
जीवो के लिए उन्होंने अपना जीवन लगा दिया। अगर उनको पता चलता था कि किसी जीव की हत्या होने वाली है तो वहां पहुँच कर लोगो की बंद आंखों को खोल देते थे। उन्होंने कहा कि गुरुदेव के दिये नियम का लोग आज भी पालन करते हैं। लोग उस नियम को गुरु के आशीर्वाद के रूप में मानते हैं।
कर्नाटक में धर्म और अहिंसा की शुरुवात गुरुदेव के दिखाए मार्गो के बाद ही हुई थी। जहा धर्म का पता भी नहीं था वहां गुरुदेव ने धर्म के प्रकास से लोगो के जीवन के अंधकार को दूर कर दिया था। इसीलिए उन्हें कर्नाटक गज केसरी के नाम से अलंकृत किया गया। उनके उपकारों को आज भी लोग भूले नहीं है।
उन्होंने उनका पूरा जीवन सिर्फ मानव और जीव के कल्याण के लिए ही लगा दिया। गुरुदेव की महिमा का गुणगान सदियों से चला आ रहा है और सदियों तक चलता रहेगा। उन्होंने कहा कि गुरुदेव की महिमा बहुत ही न्यारी थी। उनके हर सांस से दया का झरना बहता था। हिंसा को उन्होंने अहिंसा में बदल कर रख दिया था।
अभय श्री श्रीमाल ने उद्बोधन मे कहा जैन समाज का भारत के आर्थिक सामाजिक उन्नति मे विशेष स्थान है, पूरखो ने बडी मैहनत
से समाज मे व्यापार मे अपना वर्चस्व जो स्थापित किया है उसे आगे बढावे ,अपने बच्चों को नोकरी मे ना भेजकर अपने व्यापार मे उनको बढावे ताकि हमारी विरासत कायम रहे।
शनिवार को सूबह 8 बजे से सामूहिक गूरू गणेश सहजोडे जाप होगा। मंत्री मंगल चंद खारीवाल माणक चंद खाबीया पृथ्वीराज नाहार समेत अनेक लोग उपस्थित थे।