वृहद श्रावक सम्मेलन ‘उन्नयन’ का संघ प्रभावक कार्यक्रम
तेरापंथी सभा,चेन्नई के तत्वावधान में साध्वी अणिमाश्री के सान्निध्य में पेरियार थिडल के सुरम्य एवं विशाल हॉल में चेन्नई एवं चेन्नई क्षेत्रीय वृहद श्रावक सम्मेलन ‘उन्नयन’ का आयोजन विशाल एवं गरिमामय उपस्थिति में किया गया। इस संघ प्रभावक कार्यक्रम में महासभा अध्यक्ष सुरेश गोयल, महामंत्री रमेश सुतरिया, सहमंत्री प्रकाश लोढा, मुख्य वक्ता पन्नालाल पुगलिया ने उपस्थित होकर आयोजन की शोभा को शतगुणित किया। चेन्नई से महासभा से जुड़े हुए सदस्य ज्ञानचन्द आंचलिया, देवराज आच्छा, प्यारेलाल पितलिया, धर्मचन्द लुंकड, विमल चिप्पड़, तनसुख नाहर विनोद बोहरा की भी गरिमामय उपस्थिति रही।
साध्वी आणिमाश्री ने अपने प्रेरक उद्बोधन में कहा आज तेरापंथ सभा के तत्वावधान में श्रावक सम्मेलन का भव्य कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। अध्यात्म की दिशा में ऊर्ध्वारोहण की विशिष्ट शक्ति का संवाहक है-श्रावक। आस्था, समर्पण और संघनिष्ठा का बेजोड़ नमूना है- श्रावक। विवेक की मशाल को हाथ में थामे जीवन की हर दिशा को प्रकाश से प्रकाशित करने वाली चेतना का नाम है- श्रावक। जिनके हृदय में गणभक्ति व गुरुभक्ति का दरिया बह रहा है, उस अनुरक्ति का नाम है श्रावक। हमारा श्रावक समाज धर्मसंघ के प्रति सर्वात्मना समर्पित रहकर अपने संघीय दायित्व के प्रति सचेष्ट व जागरूक बनकर अपने कर्तव्य का सम्यक निर्वहन कर रहा है। ऐसा मैं एक फक्र व गर्व के साथ कह सकती हूँ। जब हम श्रावकों के गौरवशाली अतीत को पढ़ते हैं, श्रद्धा और भक्ति की गाथा सुनते हैं, तो शरीर रोमांचित हो जाता है। वर्तमान में भी श्रावकों की संघनिष्ठा, गुरुभक्ति व गणशक्ति बेजोड़ व विलक्षण है। गण व गणपति के प्रति भक्ति निरन्तर बढ़ती रहे, यह मंगलकामना।
साध्वीश्री ने श्रावक- समाज से आह्वान किया कि जहां गण एवं गुरू की उतरती बात हो, वहां न बैठें। उतरती बात वाले संदेशों को न पढ़ें एवं न प्रचारित करें। संघ के सच्चे सिपाही बनें।
साध्वीश्रीजी के आह्वान से विशाल परिषद् ने ऐसे संदेशों को प्रसारित न करने का संकल्प किया। इसके साथ ही साध्वीश्रीजी ने सामाजिक, वैवाहिक कार्यक्रमों में होने वाली अति का जिक्र किया। साध्वीश्री से प्रेरित होकर सैंकड़ों श्राविकाओं ने प्री-वेडिंग, पूल-पार्टी में संभागी न बनने का संकल्प किया। संघभक्ति, गुरुभक्ति को प्रगाढ़ बनाने वाले ओजस्वी, मार्मिक तथा हृदय को झकझोर देने वाले प्रवचन को सुनकर सब रामांचित हो गए। साध्वीश्री ने कहा- सभा द्वारा अच्छा एवं निष्पत्ति जनक कार्यक्रम आयोजित हुआ। अध्यक्ष प्यारेलाल, मंत्री गजेन्द्र खाँटेड, संयोजक विमल चिप्पड़, सह संयोजक राजेन्द्र भंडारी एवं पूरी टीम ने अच्छा श्रम किया है।
साध्वी कर्णिकाश्री ने कहा- श्रावक वो उपजाऊ भूमि है, उसमें जैसे बीज बोएगें, वैसी ही फसल तैयार होगी। साध्वी मैत्रीप्रभा ने कहा- गणशक्ति व गुरु भक्ति शिखरों का स्पर्श तब करेगी, जब समर्पण का दीप जलेगा। संघ में समर्पण बेजोड़ है। साध्वी समत्वमशा ने सुन्दर एवं भावपूर्ण गीत का संगान किया। साध्वी सुधाप्रभा ने प्रभावी मंच संचालन करते हुए कहा- हमारे जीवन में उन्नयन हो गणभक्ति व गुरुभक्ति का। उन्नयन हो श्रद्धा व समर्पण का। उन्नयन हो मर्यादा व अनुशासन के प्रति निष्ठा का। उन्नयन हो विवेक व विनय का। अगर इन सबका उन्नयन हो गया तो आत्मशक्ति का उन्नयन स्वतः हो जाएगा और श्रावक सम्मेलन मनाना सार्थक हो जाएगा।
जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा अध्यक्ष सुरेश गोयल ने कहा – संघ का गौरव हमारा गौरव है। संघ का सम्मान-हमारा सम्मान है। संघ की प्रतिष्ठा हमारी प्रतिष्ठा है। हमें संघ के गौरव, सम्मान व प्रतिष्ठा को बढ़ाना है। तेरापंथ धर्मसंघ में न राजतंत्र है और न प्रजातंत्र यहां तो सिर्फ आज्ञातंत्र है। भगवान की आज्ञा से संघ चल रहा है, इसलिए संघ महान है। अध्यक्ष महोदय ने दूसरे सत्र ‘मन की बात महासभा के साथ’ में महासभा द्वारा संचालित गतिविधियों की जानकारी दी। महामंत्री रमेश सुतरिया ने चेन्नई सभा द्वारा किए गए सफलतम आयोजन के लिए सभी को हार्दिक बधाई दी। मुख्यवक्ता पन्नालाल पुगलिया ने कहा – फूल जब तक डाली से लगा रहता है, फल जब तक वृक्ष से लगा है, तब तक ही शोभा पाता है। फूल डाली से गिरने के बाद पैरों से मसला जाता है। फल को कीड़े मकोड़े ही खाते हैं। इसी तरह श्रावक की शोभा संघ से है एवं संघ की शोभा हम सबसे है। हम संघ के गौरव को बढ़ाए एवं गर्व से कहे -हम तेरापंथी हैं। महासभा के सहमंत्री प्रकाश लोढा, ज्ञानचन्द आंचलिया, देवराज आच्छा ने विचार व्यक्त किए। सभाध्यक्ष प्यारेलाल पितलिया ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम संयोजक विमल चिप्पड़ ने विचार व्यक्त किए।
आनन्द समदरिया ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। सभा के अंतर्गत जय तुलसी संगीत मंडल व सभा के सदस्यों ने संघ भक्ति से भरपूर ऊर्जावान मंगल संगान किया जिसके मध्य में महासभा अध्यक्ष सहित समस्त विशिष्ट अतिथिगण के सम्मिलित होने से एक अद्भुत व गौरवमयी वातावरण बन गया। तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम के सदस्यों ने आचार्य महाश्रमण महिमा लघुनाटिका की प्रस्तुति देकर परिषद का मन मोह लिया। महिला मंडल, ज्ञानशाला की प्रशिक्षिकाओं, अणुव्रत समिति, टीपीएफ ने विभिन्न सत्रों में अलग-अलग मंगल संगान किया। कन्यामण्डल ने स्वागत गीत की शानदार प्रस्तुति दी। मंत्री गजेन्द्र खांटेड ने प्रथम व मुख्य सत्र का प्रारंभिक संचालन कुशलता पूर्वक किया। विमल चिप्पड़ ने दूसरे सत्र को संचालित किया। राजेन्द्र भंडारी व दिलीप मुणोत ने विचार रखे। आभार ज्ञापन कोषाध्यक्ष अनिल सेठिया ने किया।
स्वरुप चन्द दाँती
प्रचार प्रसार प्रभारी
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, चेन्नई