चेन्नई. गुरु दिवाकर कमला वर्षावास समिति चेन्नई के तत्वावधान एवं साध्वी कुमुदलता व सहवर्तिनी साध्वीवृंद के सानिध्य में रविवार को अयनावरम स्थित जैन दादावाड़ी में गुरु चौथमल का 142वां जन्म जयंती समारोह हुआ। समारोह की अध्यक्षता तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने की जबकि मुख्य अतिथि भागचंद कोचेटा और विशिष्ट अतिथि दौलत भड़कत्या, सुरेन्द्र सुराण भीलवाड़ा, दिलीप सुराणा उदयपुर और किशनलाल कोठारी बेंगलूरु थे।
इस मौके पर राज्यपाल ने कहा सैकड़ों साल पहले भी उद्बोधन होता था और आज भी होता है इससे पता चलता है हमारे देश की संस्कृति आज भी कायम है। इसे खत्म करने के लिए अंग्रेजों ने अथक प्रयास किया। यहां तक कि अलग-अलग संस्कृतियां भी लाई गई, लेकिन वे हमारी संस्कृति को हिला नहीं पाई। हमें अपनी संस्कृति को कभी छोडऩा नहीं चाहिए बल्कि उसके विकास के प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा हमारी संस्कृति धर्म पर ही आधारित है इसे कभी भी लुप्त नही होने देना है। अपनी संस्कृति को निभाने में जैन धर्म सबसे आगे रहता है।
उन्होंने कहा अगर संतों और उनके दिए वचनों का आदर हो तो विश्व को बेहतर बनाने का लक्ष्य जरूर पूरा हो जाएगा। पहले ऋषि मुनियों ने तप, त्याग और धर्म के बल पर पाप को नष्ट किया था। वर्तमान में भी संत उसी मार्ग पर चल कर नया संदेश देने का कार्य कर रहे हैं। संतों का ज्ञान जीवन में उतारने का प्रयास करें।
खुद के जीवन में बदलाव लाने के बाद ही व्यक्ति को अपने से छोटों को बदलने का उपदेश देना चाहिए। संगति अच्छी होने पर मार्ग भी अच्छे मिलते हंै। साध्वी कुमुदलता ने गुरु चौथमल की जन्म जयंती पर कहा महापुरुषों के जीवन से हर व्यक्ति को सीख लेते हुए बदलने की भावना रखनी चाहिए। उनकी जयंती पर आकर अगर जीवन में बदलाव की नहीं ठानी तो समय व्यर्थ गंवाने के अलावा और कुछ हासिल नहीं होगा।
अन्य वक्ताओं ने भी गुरुदेव चौथमल के जीवन का गुणगान किया। समारोह में संघ संरक्षक माणकचंद खाबिया, चेयरमैन सुनील खेतपालिया, अध्यक्ष पवनकुमार कोचेटा, कार्याध्यक्ष जवाहरलाल नाहर, उपाध्यक्ष महावीरचंद सिसोदिया, कोषाध्यक्ष गौतमचंद ओसवाल, दीपचंद लूनिया और सुरेशचंद डूंगरवाल सहित सभी पदाधिकारी उपस्थित थे। समारोह में गुरु दिवाकर कमला युवा संघ, गुरु दिवाकर कमला महिला मंडल, गुरु दिवाकर कमला बहू मंडल का भी सहयोग रहा।
गुरु दिवाकर कमलावर्षा वास महिला व युवा मंडल द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया गया। संचालन मंत्री हस्तीमल खटोड़ ने किया। इससे पहले राज्यपाल ने जैन धर्म पुस्तक का विमोचन किया।