चेन्नई. साहुकारपेट स्थित जैन भवन में विराजित साध्वी सिद्धिसुधा ने उत्तराध्ययन सूत्र की विवेचना करते हुए कहा कि अगर समय खराब है तो इसका मतलब यह नहीं कि समय बदलेगा नहीं। मनुष्य के हाथों में बहुत ताकत होती है।
दुनिया का ऐसा कोई कार्य नहीं जो मनुष्य नहीं कर सकता है। लेकिन उसके लिए कड़ी मेहनत करने की जरूरत है। जो व्यक्ति मेहनत से पीछे नहीं हटते उनके जीवन की सारी बाधाएं अपने आप ही दूर हो जाती है।
उन्होंने कहा कि जीवन की बाधाओं को दूर करना मुस्किल नहीं है। मुस्किल तो उस पर प्रयास करते रहना है। जो प्रयास करने से भागते हैं उनकी बाधाएं कभी समाप्त नहीं होती है।
साध्वी सुविधि ने कहा कि जीवन को सफल करना और असफल करना दोनों मनुष्य के हाथ में है। जो मनुष्य कुछ करने का ठान लेते हैं वह कर गुजरते हैं जो खुद को असफल मान लेते हैं वे कुछ नहीं कर पाते हैं। मनुष्य की सोच जीतनी मजबूत होगी उसका जीवन उतनी तेजी से विकास की ओर बढ़ेगा।
जीवन में आगे जाना बड़ी बात नहीं होती बल्कि आगे जाकर भी पीछे को याद रखना बड़ी बात होती है। उन्होंने कहा कि समय बहुत बलवान होता है लेकिन उससे भी बलवान मनुष्य की सोच होती है। सोच मजबूत है तो दुनिया की हर कार्य आसान है लेकिन सोच गलत है तो आसान कार्य भी कठिन लगने लगता है।