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क्षमा ही धर्म है पर्युषण संवत्सरी महापर्व का –प्रवर्तक सुकनमुनि महाराज

क्षमा ही धर्म है पर्युषण संवत्सरी महापर्व का –प्रवर्तक सुकनमुनि महाराज

31 अगस्त खवासपुरा क्षमा ही धर्म है बुधवार को पर्युषण महापर्व के आठवें दिवस संत शिरोमणी प्रवर्तक सुकनमुनि महाराज,युवाप्रणेंता महेशमुनि, पंडित रत्न राकेश मुनि,तपस्वी मुकेश मुनि,हरीश मुनि,नानेश मुनि, हितेश मुनि सचिन मुनि आदि सभी के साथ सुकनमुनि महाराज ने संवत्सरी महापर्व क्षमायाचना का महत्व बताते हुये कहा कि मानव का जीवन क्षणभंगुर है और इंसान संसार में जाने अंजाने मे कितनी गलतियां करता है ! जिसका उसको अंदाज भी नही ! केवल माफी मांग लेने से क्षमा नही हो जाती !

जब व्यक्ति अंतर कि गहराई से उन व्यक्तियों से क्षमा मांगोगे जिनको तुमने चोट देकर मन को ढ़ेस पहुचाई हो !वेर भावना को भूलकर मित्रता का धर्म निभाकर क्षमा मांगोगे वही सच्ची क्षमायाचना होगी ! श्री संघ के मंत्री एम अशोक कोठारी ने जानकारी देते हुयें बताया कि पर्युषण पर्व के अर्तगत संवत्सरी पर तपस्या करने वाले सैकड़ों भाई बहनो ने उपवास और बड़ी तपस्या के संतो से प्रत्यखान लिये जिनका संघ के पदाधिकारियों ने तप की अनूमोदना करते हुये शोल माला पहनाकर सभी का अभिनन्दन किया गया !

संवत्सरी कार्यक्रम मे आगमो और शास्त्रो का हितेश मुनि सचिन मुनि द्वारा वाचन किया गया!शायकाल जैन समाज के सभी श्रावक श्राविकाओं ने अलग अलग जगह जैन स्थानक मे प्रतिक्रमण के बाद सामूहिक रूप से सभी हांथ जोड़कर खमत खावणा करते हुये संवत्सरी महापर्व तप त्याग धर्म आराधना करके पर्युषण का यह महापर्व मनाया ! गुरूवार सामूहिक रूप से उपवास के पारणों के बाद मिच्छामि दुक्कड़म का कार्यक्रम मरूधर केसरी रूप सुकन दरबार मे होगा !

मीडिया प्रवक्ता सुनिल चपलोत

श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ खवासपुरा

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