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क्षमावाणी के पर्व को जैन समाज के सभी संप्रदाय के लोगों ने मिलकर मनाया

क्षमावाणी के पर्व को जैन समाज के सभी संप्रदाय के लोगों ने मिलकर मनाया

दुर्ग/ छत्तीसगढ़ प्रवर्तक जैन संत श्री रतन मुनि श्री विवेक मुनि, श्री कल्प यज्ञ सागर एवं महासती प्रभा कवर जी मंगल में सानिध्य में आज जैन समाज के विभिन्न पंथ संप्रदाय के लोगों की उपस्थिति में सामूहिक रूप से क्षमा याचना की गयी।
जय आनंद मधुकर रतन भवन बांधा तालाब दुर्ग में आयोजित धर्म सभा में श्रमण संघ परिवार के अलावा श्री श्वेतांबर जैन मूर्ति पूजक संध, सुधर्म श्रावक संघ समरथ जैन श्रावक संघ, शांत क्रांत साधुमार्गी जैन संघ, तेरापंथ धर्म संघ दुर्ग भिलाई, गुजराती जैन समाज ग्रुप भिलाई के सदस्यों की विशेष उपस्थिति में सामूहिक क्षमा याचना जय आनंद मधुकर रतन भवन बांधना दुर्ग में आयोजित थी।
संत गौरव मुनि की पावन प्रेरणा थी सभी जैन धर्म संप्रदाय लोग एक साथ सामूहिक छमा याचना के कार्यक्रम में शामिल हो।

धर्म सभा में छम्मा याचना का काम को कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संत कल्पयज्ञ सागर जी ने संबोधित करते हुए कहा वीर व्यक्ति ही छमा दे सकता है कायर कभी छमा कर ही नहीं सकता मत हर व्यक्ति का अपना अलग अलग हो सकता है पर मतभेद हो पर मनभेद नहीं होना चाहिए।
शांत क्रांत श्रावक संघ की शादी साध्वी श्री प्रभा कवर ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा प्लीज सॉरी थैंक्यू को अपने अपनाने वाला व्यक्ति ही सुख शांति को प्राप्त कर सकता है। आप प्रसन्न रहना है तो हमेशा हंसते रहना चाहिए। अनुकूल और प्रतिकूल परिस्थिति परिस्थितियों में छमा ही ऐसा अमृत है दो जीवन को महान बना देता है। छमा को धर्म करने वाला व्यक्ति सदगति को प्राप्त करता है।



संत गौरव मुनि ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में अकड़ने वाला व्यक्ति भी क्षमा का अधिकारी नहीं होता। हमेशा विनम्र रहते हुए क्षमा को प्राप्त करना क्षमा देना यह विनम्र व्यक्ति का विशेष गुण होता है। विनम्र रहते हुए कठिन से कठिन कार्य भी बहुत ही आसानी से बन जाते हैं।

सामूहिक क्षमा याचना कार्यक्रम को मूर्तिपूजक संघ के अध्यक्ष महेंद्र दुग्गड सुधर्म श्रावक संघ के मोहनलाल कोठारी विनर समरथ जैन श्रावक संघ के ओम ढेलडिया शांत प्रांत साधुमार्गी जैन श्रावक संघ से सपन कांकरिया एवं श्रमण संघ से निर्मल बाफना ने धर्म सभा में अपनी बात रखी।
सभी अपने-अपने संप्रदाय की ओर से क्षमा याचना की और सभी ने एकमत होकर जैन समाज की एकता के लिए हर समय एक साथ खड़े रहने की बात कही। सभी जैन धर्म के अनुयाई अपने अपने नियमावली के साथ धर्म का पालन करें पर जहां जैन एकता की बात हो वहां पर सभी एकजुट होकर जैन समाज की एकता दिखाने का प्रयास करें।
भगवान महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव एवं क्षमावाणी का यह पावन पर्व सभी वर्ग संप्रदाय के लोग मिलकर करें ऐसा आह्वान धर्म सभा में सभी सदस्यों में व्यक्त किया।
कार्यक्रम का संचालन श्रमण संघ के मंत्री श्री टीकम छाजेड़ ने किया।
कार काम के कार्यक्रम के व्यवस्थित संयोजन श्रमण संघ स्वाध्याय मंडल दुर्ग से सदस्यों ने किया और कार्यक्रम में चार चांद लगा दिया।

इस अवसर पर नेमीचंद नाहर, पारसमल संचेती, जसराज पारख, सुगन चंद संचेती प्रवीण श्रीश्रीमाल प्रकाश गोलछा, प्रदीप पींचा, सपन काकरिया गौतम चौरड़िया अजय देशलहरा जेठमल दुग्गड डी.सी लुनिया ज्ञानचंद कोठारी शहीद सहित जैन समाज के सभी वर्ग से लोग विशेष रुप से इस आयोजन में हिस्सा बने।
सभी संघ प्रमुखों को श्री रतन में जी महाराज के हाथों नवकार महामंत्र के प्रतीक चिन्ह से सम्मानित किया गया।

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