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क्षण भर का भी प्रमाद मत करो: साध्वी कंचनकुंवर

क्षण भर का भी प्रमाद मत करो: साध्वी कंचनकुंवर

चेन्नई. कोसापेट जैन स्थानक में शुक्रवार को मधुकर ‘अर्चना’ सुशिष्या साध्वी कंचनकुंवर सहित सहवर्तिनी साध्वीवंृद का प्रवचन कार्यक्रम हुआ जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही।

साध्वी डॉ.उ दितप्रभा ‘उषा’ ने अपने उद्बोधन में कहा कि समय बहुत सूक्ष्म है। आंख की पलक स्वाभाविक रूप से खुले और बंद हो उनमें असंख्य समय बीत जाता है। अर्थात् समय की गति बड़ी तीव्र है। प्रकाश, शब्द और विद्युत से भी अधिक तेज गति से समय भागता है। शब्द और विद्युत को चाहे पकड़ लो किन्तु समय सबकी पकड़ के बाहर है।

न बीता समय लौटता है और न आनेवाला समय रुकता है। अत: वर्तमान को जानो क्योंकि जो वर्तमान समय का सम्मान करता है, समय उसे मूल्यवान बना देता है। पंडित वही है जो क्षण के मूल्य को जाने और क्षण द्वारा शाश्वत की खोज कर उसे सार्थक करे। क्षण भर का भी प्रमाद मत करो। जब तक शरीर बलवान है इन्द्रियां सशक्त हैं, तब तक धर्म साधना कर लो।

साध्वी डॉ.इमितप्रभा ने कहा कि अनुप्रेक्षा से संसार का सब भ्रमण सीमिति हो जाता है। अनुप्रेक्षा से आत्मा को प्रेरणा मिलती है, संसार के प्रपंच से विरक्ति होती है। अनुप्रेक्षा से तात्पर्य विषय की गहराई बारीकी से चिंतन-मनन करना है।

अनुप्रेक्षा घर-दुकान पर भी की जा सकती है। अनुप्रेक्षा से नये कर्म रुक जाते हैं। प्रभु महावीर ने कहा है कि अनित्य, अशरण, संसार, एकत्व आदि भावनाओं पर चिंतन मनन करना ही अनुप्रेक्षा है।

श्री मधुकर उमराव अर्चना चातुर्मास समिति के प्रचार-प्रसार मंत्री हीराचंद पींचा ने बताया कि साध्वी कंचनकंवर सहित अर्चना सुशिष्या मंडल का विहार 29 जून को प्रात: 6 बजे कोसापेट जैन स्थानक से विहार कर वेपेरी स्थित रिखबचंद गौतमचंद लोढ़ा के निवास शांति विल्ला, मरलेचा गार्डन पहुंचेंगी जहां पर उनके दर्शन प्रवचन आदि कार्यक्रम होंगे।

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