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क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है: महासाध्वी धर्मप्रभा

क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है: महासाध्वी धर्मप्रभा

चैन्नई (साहूकार पेठ) क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। शनिवार को मरूधर केसरी दरबार साहूकार पेठ मे महासाध्वी धर्मप्रभा ने श्रध्दालूओं को सम्बोधित करतें हुए कहा कि क्रोधी मनुष्य कभी किसी का भी मित्र नही हो सकता है। जो उसे नरक के रास्ते पर ले जाता है।क्रोध मनुष्य को बर्बाद कर देता है और उसे अच्छे बुरे का ज्ञान नही होने देता। क्रोधी व्यक्ति आवेश में जितना दूसरे का इतना बुरा नहीं जितना स्वयं का करता है। क्रोध व्यक्ति की बुद्धि को समाप्त करता ही हैलेकिन उसकी सारी अच्छायों और प्रतिष्ठा को मे एक क्षण मे मिठ्ठी मे मिला देता है।

गुस्से और क्रोध मे उसे भान नहीं रहता है,की वो सामने वाले के साथ वह कैसा व्यवहार कर रहा है। जिस कारण उसके अपने भी पराए बन जाते है। मनुष्य का सबसे बड़ा कौई दुश्मन है, तो उसका क्रोध, मनुष्य को गुस्से और क्रोध मे अपने अवगुण नजर नही आते वह सामने वाले व्यक्ति के दोष को सही ठहराने कि कोशिश करता है । मौन वह साधना है, जिससे मनुष्य अपने गुस्से और क्रोध को शांत कर सकता है।

मनुष्य के जीवन मे कितनी भी विपदाएं परिस्थितिया प्रतिकूल आ जाए, लेकिन क्रोध के दौरान अपने विवेक को नही खोये, शांत और मौन रहकर उन सभी बाधाओं का सामाधान शांति से खोज सकता है। साध्वी स्नेह प्रभा ने उत्तराध्ययन सूत्र का वांचन करतें हुए कहा कि मनुष्य का क्रोध ज्वालामुखी की तरह है। ज्वालामुखी वो आग है जिसकी चपेट आने वाली सारी वस्तुओ को जलाकर राख बना देती है उसकी भांति व्यक्ति अपने गुस्से और क्रोध मे बेकाबू होकर अपना ही सर्वनाश कर लेता है।

मनुष्य का क्रोध वो कसाय है जिससे सभी प्राणी को दुखी बना रखा है। क्रोध मूखर्ता से शुरू होता है और प्रश्चाताप पर खत्म। क्रोध के कारण मनुष्य एक पल मे हैवान बन जाता है।जो यह भी नही सोचता है,कि वो स्वंय का अहित कर रहा है। मनुष्य की वर्षों की साधना और तपस्या को क्रोध एक क्षण मे नष्ट कर देता है। क्रोध अज्ञान के सम्मान है। जो मनुष्य को कभी भी सुख नही दे सकता है ।

श्री संघ के महामंत्री सज्जनराज सुराणा ने बताया कि धर्मसभा मे पधारे महावीरचन्द कटारिया, सम्पतराज गुगलिया, प्रकाश न्द कोठारी का एस.एस.जैन संघ साहूकार पेठ के अध्यक्ष एम.अजितराज कोठारी, कार्याध्यक्ष महावीरचन्द सिसोदिया, सुरेश डूगरवाल, बादलचन्द कोठारी हस्तीमल खटोड़, जितेन्द्र भंडारी आदि पदाधिकारियों द्वारा अतिथीयों स्वागत अभिनन्दन किया गया। रविवार विषेश धर्मसभा मे कृष्ण सुदामा की मित्रता पर साध्वी धर्मप्रभा म.सा. के प्रवचन रहेंगे।

प्रवक्ता सुनिल चपलोत

श्री एस. एस. जैन संघ साहूकार पेठ चैन्नई

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