*💎प्रवचन वैभव💎*
*✨सद् उपदेशक:✨*
*शासननिष्ठ सद्गुरु*
*सूरि जयन्तसेन कृपाप्राप्त*
श्रुत साधक क्षमाश्रमण
मुनि श्रीवैभवरत्नविजयजी म.सा.
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क्रिया का उद्देश्य
अध्यात्मलक्षी हो तो ही
आत्मबोध की प्राप्ति होगी.!
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आत्मबोध की
आधार शिला पर
प्रदेशीराजा ने
संसार पार किया.!
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स्वभाव से
विभाव में जाना
अर्थात सुख से हाथ धोना.!
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निर्माण एवं विसर्जन
दोनों स्वयं के ही आधीन है.!
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भय मृत्यु से भी
अधिक भयंकर है..
अधिकांश पाप प्रवृत्ति
भय के कारण ही होती है
अतः अभयदान श्रेष्ठ दान है.!
*🦚श्रुतार्थ वर्षावास 2024🦚*