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क्रिया का उद्देश्य  अध्यात्मलक्षी हो तो ही आत्मबोध की प्राप्ति होगी

क्रिया का उद्देश्य   अध्यात्मलक्षी हो तो ही  आत्मबोध की प्राप्ति होगी

*💎प्रवचन वैभव💎*

 

*✨सद् उपदेशक:✨*

*शासननिष्ठ सद्गुरु*

*सूरि जयन्तसेन कृपाप्राप्त*

श्रुत साधक क्षमाश्रमण

मुनि श्रीवैभवरत्नविजयजी म.सा.

✒️

1️⃣1️⃣4️⃣

🪞

*_566)_*

क्रिया का उद्देश्य

अध्यात्मलक्षी हो तो ही

आत्मबोध की प्राप्ति होगी.!

*_566)_*

आत्मबोध की

आधार शिला पर

प्रदेशीराजा ने

संसार पार किया.!

*_566)_*

स्वभाव से

विभाव में जाना

अर्थात सुख से हाथ धोना.!

*_566)_*

निर्माण एवं विसर्जन

दोनों स्वयं के ही आधीन है.!

*_566)_*

भय मृत्यु से भी

अधिक भयंकर है..

अधिकांश पाप प्रवृत्ति

भय के कारण ही होती है

अतः अभयदान श्रेष्ठ दान है.!

 

*🦚श्रुतार्थ वर्षावास 2024🦚*

 

 

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