आज शनिवार 21 मई 2022 को रत्नवंश परम्परा के मूल पुरुष पूज्यश्री कुशलचन्द्रजी म.सा का 239 वां पुण्य-स्मृति दिवस श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ तमिलनाडु के तत्वावधान में स्वाध्याय भवन, साहूकारपेट, चेन्नई में सामायिक साधना दिवस के रुप में मनाया गया | वरिष्ठ स्वाध्यायी श्री महावीरचंदजी तातेड़ ने आचार्य श्री हस्तीमलजी म.सा द्वारा रचित आचार्य परम्परा पर स्तुति “प्रति दिन जप लेना त्यागी पुरुषों को भविजन भाव से” भावों से ओतप्रोत हो गुणगान किए | श्रावक संघ तमिलनाडु के प्रचार प्रसार सचिव आर नरेन्द्र कांकरिया ने कुशलचंद्रजी म.सा के जन्म-बचपन- वैराग्य भाव का वर्णन करते हुए कहा कि मारवाड़ में सेठो की रियां में जन्म लेने वाले कुशलचंद्र को 27 वय की उम्र के समय,रियां में ही श्री भूधरजी म.सा ने दीक्षित किया |
आपको रत्नवंश के आदि प्रवर्तक के रुप में जाना जाता हैं। जब आपके गुरुदेव श्री भूधरजी म.सा का देवलोकगमन हुआ,आपने अपने गुरुभाई आचार्य श्री जयमलजी म.सा की तरह जीवन भर आड़े आसन नहीं करने अर्थात लेटना नहीं, की प्रतिज्ञा करते हुए दृढ़तापूर्वक पालन किया | आपका विहार – विचरण मारवाड़,मेवाड़ व मालवा में रहा | आपने 45 वर्षों तक दृढ़ता पूर्वक संयम का पालन किया और आज की ही तिथि ज्येष्ठ बदी षष्ठी को नागौर [ राजस्थान] में 73 की वय में तीन दिन के संथारे पूर्वक समाधिमरण का वरण करते हुए देवलोकगमन किया | गुणानुवाद सभा में सामायिक साधना में चेंगलपेट से आर रितिका गड़वानी, वालाजापेट से वी.मोहित मुथा, विनोदजी जैन, अम्बालालजी कर्णावट, रुपराजजी सेठिया,गौतमचंदजी मुणोत, इन्दरचंदजी कर्णावट उपस्थित थे |
सामूहिक व्रत-नियम-, प्रत्याख्यान के पश्चात विनोदजी जैन ने मंगल पाठ किया | तीर्थंकर भगवन्तों,आचार्य भगवन्तों, उपाध्याय भगवन्त व चरित्र आत्माओं की जयजयकार के साथ परम्परा के मूलपुरुष श्री कुशलचंद्रजी म.सा की पुण्यतिथि जप – तप – त्याग पूर्वक सामायिक- स्वाध्याय साधना संग पूर्ण हुई |
प्रेषक :- आर नरेन्द्र कांकरिया,
प्रचार प्रसार सचिव,
श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ – तमिलनाडु ” स्वाध्याय भवन ”
24 / 25 बेसिन वाटर वर्क्स स्ट्रीट साहूकारपेट, चेन्नई 600 079