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किसी की मुसीबत में दया कर सहायता करना सबसे बड़ा धर्म है

किसी की मुसीबत में दया कर सहायता करना सबसे बड़ा धर्म है

नागदा जं. निप्र- महावीर भवन में महासती दिव्य ज्योति जी ने कहा की सभी के शरीर में आत्मा का निवास होता है। जीवन काल में समस्या, मुसीबतें, तकलीफ आती जाती रहती है। जिसके मन में दया की भावना रहती है वही हमेशा मुसीबत के समय प्राणी मात्र की सहायता हेतु तत्पर रहता है यही सच्चा धर्म है। तपस्या आत्मा के शुद्धीकरण हेतु की जाती है जिसका माध्यम शरीर होता है । धर्म सभा में पूज्या काव्या श्रीजी म सा ने कहा कि हम अपने लोभ लालच इच्छा पूर्ति के लिए जानते अजानते हुए अनेक कर्मों के बंधन में बंधते जाते हैं अगर हम सामूहिक कर्म करते हैं तो फल भी सामूहिक भुगतना पड़ता है। तेली की लड़ी मनोरमा भंडारी की थी । संचालन प्रशांत नाहर ने किया व आभार प्रकाश चंद जैन लुणावत एवं सतीश जैन सावेरवालों ने माना।

उन्हेल के प्यारे बच्चों की आत्मा शांति हेतु सामूहिक नवकार मंत्र के जाप-

मीडिया प्रभारी महेंद्र कांठेड़ एवं नितिन बुड़ावन वाला ने बताया कि जवाहर मार्ग स्थित महावीर भवन में महासती दिव्य ज्योति जी के सानिध्य में उन्हेल के प्यारे बच्चों की आत्मा शांति हेतु एवं घायल बच्चों के जल्द से जल्द स्वास्थ्य लाभ हेतु सामूहिक नवकार मंत्र का जाप किया गया । जिसमें बड़ी संख्या में जैन समाज के महिलाओं एवं पुरुषों ने हिस्सा लिया

दिनांक 23/08/2022

 मीडिया प्रभारी

    महेन्द्र कांठेड

  नितिन बुडावनवाला

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