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काशी कोतवाल भैरव उत्सव की दुनिया भर में गूंज ने दिखाया तप साधना का चमत्कार

काशी कोतवाल भैरव उत्सव की दुनिया भर में गूंज ने दिखाया तप साधना का चमत्कार

राष्ट्रसंत पूज्यश्री वसंतविजयजी म.सा.ने काशी से किया मंत्र शक्तिपात तो होने लगी धन वर्षा..

दुनियाभर में हुआ दैवीय अनुभव ; हज़ारों–लाखों श्रद्धालुओं को मिले नोट, सिक्के, बिल्वपत्र, पुष्प

थॉट योगा से लाइव देखने वाले भी वैश्विक स्तर पर हुए मिरेकल से लाभान्वित

वाराणसी। श्रीकृष्णगिरी शक्तिपीठाधीपति, राष्ट्रसंत, मंत्र शिरोमणि, साधना के शिखर पुरुष पूज्यश्री वसंतविजयजी महाराज साहेब ने शुक्रवार को यहां काशी कोतवाल भैरव उत्सव में अलौकिक, अतिदिव्य मंत्र शक्तिपात किया। नरिया–सुंदरपुर स्थित रामनाथ चौधरी शोध संस्थान के भव्य श्रीभैरव दरबार में भारत के 25 राज्य एवं दुनिया के 20 देशों से आए हजारों श्रद्धालुओं को इस मंत्र शक्तिपात से कृष्णगिरी वाली देवी मां पद्मावतीजी एवं भैरवदेव के साथ चमत्कारों का अनुभव कराया। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने 2, 5, 10 के सिक्कों सहित 20, 50, 100 व ₹500 के नोट प्राप्त किए। अनेक भक्तों को विभिन्न प्रकार की खुशबू का एहसास हुआ तथा जेब व पर्स में गुलाब, अपराजिता सहित अनेक प्रकार के पुष्प, कुम कुम तथा बिल पत्र इत्यादि भी प्राप्त हुए। काशी में ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पूज्य श्री के यूट्यूब चैनल थॉट योगा पर लाइव देखने वाले हजारों श्रद्धालुओं को विभिन्न प्रकार की खुशबू का अनुभव हुआ। अनेक लोगों को विभिन्न प्रकार के रंग और देवी-देवताओं के दर्शन भी हुए। दैविक शक्तिपात के अनुभव की बड़ी संख्या में थॉट योगा के चैनल पर लाइव में कमेंट सेक्शन में लंबी कतार लग गई। इस दौरान पूज्यश्री वसन्तविजयजी महाराज ने कहा कि यह कोई मैजिक नहीं दैवीय शक्तियों का इस धरा पर होने का साक्षात मिरेकल है।

उन्होंने कहा कि भक्ति के साथ किसी प्रकार का आध्यात्मिक अनुभव घटित हो तभी देवी–देवताओं की शक्तियों का एहसास का पता चलता है। अनेक दुर्लभ बीज मंत्रों की स्तुतियों का वाचन कर श्रद्धालुओ को लाभांवित किया। साथ ही समस्त चमत्कारिक अनुभवों को देवी मां पद्मावतीजी को समर्पित करते हुए वचनसिद्ध संतश्री वसंतविजयजी महाराज बोले, एक संत को उसकी तप, साधना से अपनी शक्ति का एहसास कराने वाली तथा उन्हें इस धरा पर यश, कीर्ति के साथ लोक कल्याण के मार्ग प्रशस्त करने वाली मां पद्मावतीजी व भैरवदैव सदैव वंदनीय है। आयोजन स्थल पर प्रतिदिन 1,08,000 भैरव मूर्तियों के निर्माण का क्रम निर्बाध गति से जारी है। सुबह के सत्र में पूजा, जप, साधना, आराधना की जा रही है। शुक्रवार को भैरव देव की महिमा एवं मां पद्मावती जी के नाट्य मंचन की प्रस्तुति उज्जैन के 30 कलाकारों द्वारा दी गई।

अनेक जरूरतमंदों को किया कंबल वितरण, भैरव कथा मिटाएगी सबकी व्यथा..

आयोजन स्थल पर राष्ट्रसंत पूज्यश्री वसंतविजयजी महाराज साहेब ने बड़ी संख्या में निर्धन परिवारों एवं जरूरतमंद लोगों को कंबलों का वितरण किया। यह क्रम 16 नवंबर, भैरवाष्टमी को भी जारी रहेगा, जब करीब चार हजार ज़रूरतमंद लोगों को राशन किट व कंबलों का वितरण किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस दुनिया में कोई भी व्यक्ति सुखी नहीं है। किसी को शारीरिक, किसी को मानसिक तो किसी को आर्थिक परेशानी है। हर व्यक्ति किसी न किसी दुख, पीड़ा सहित अनेक कष्टों से जूझ रहा है। भैरव देव के सिद्ध साधक, राष्ट्रसंतश्री वसंतविजयजी महाराज ने कहा कि भैरवाष्टमी पर्व के मद्देनजर काशी कोतवाल भैरव कथा वाचन तथा अद्वितीय यज्ञ–हवन के धुएं से लोगों की अनेक प्रकार की व्यथा मिटाने यहां आया हूं। वहीं विभिन्न दिशाओं में अलग–अलग वाहनों व शस्त्रों के साथ अष्टभैरव के दर्शन से अनेक प्रकार के दुख तथा शत्रुओं का नाश होगा एवं सुख, समृद्धि, यश, कीर्ति की प्राप्ति होगी। आवश्यकता श्रद्धा पूर्वक विश्वास के साथ भैरव दर्शन एवं भैरव भक्ति की होनी चाहिए।

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